Fundamental Rights in Hindi | भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार
भारतीय संविधान के भाग lll में अनुच्छेद 12 से 35 तक मौलिक अधिकारों का उल्लेख किया गया है। मौलिक अधिकारों को संविधान का मैग्नाकार्टा भी कहा जाता है। यदि किसी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन होता है , तो वह न्यायालय जा सकता है। आरम्भ में संविधान में भारत के नागरिकों को सात प्रकार के मौलिक अधिकार दिए गए थे। संविधान के 44 वें संशोधन (1978) में सातवें अधिकार ‘सम्पति के अधिकार’ को निरसित कर दिया।
Table of Contents
मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
- समता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22)
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार ( अनुच्छेद 25 से 28)
- संस्कृति एवं शिक्षा सम्बन्धी अधिकार (अनुच्छेद 29 से 30)
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32 )
मौलिक अधिकार (Fundamental Rights in Hindi)

समानता का अधिकार : (अनुच्छेद 14 से 18 )
- अनुच्छेद 14. – विधि (कानून ) के समक्ष समानता
- अनुच्छेद 15 – धर्म ,जाति,लिंग ,नस्ल या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव निषेद्ध
- अनुच्छेद 16 – अवसर की समानता
- अनुच्छेद 17 – अस्पृश्यता का अंत
- अनुच्छेद 18 – उपाधियों का अंत
स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22 )
- अनुच्छेद 19 – विविध प्रकार की विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 19 (A) – विचार अभिव्यक्ति एवं प्रेस की स्वतंत्रता। सूचना पाने की स्वतंत्रता।
अनुच्छेद 19 (B) – बिना शस्त्र शांतिपूर्वक एकत्रित होने और सम्मलेन करने की स्वतंत्रता।
अनुच्छेद 19 (C) – संघ /संगठन बनाने की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 19 (D) – देश के किसी भी भू-भाग में आवागमन की स्वतंत्रता।
अनुच्छेद 19 (E) – भारत के किसी भी भाग में स्थाई रूप से रहने और बसने की स्वतंत्रता।
अनुच्छेद 19 (G) – किसी पेशे को अपनाने अथवा व्यवसाय , कारोबार अथवा व्यापार को करने की स्वतंत्रता। - अनुच्छेद 20 – अपराधों के लिए दोष -सिद्धि के संबंध में सरंक्षण
- अनुच्छेद 21 – जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण
- अनुच्छेद 21 (क) शिक्षा का अधिकार
- अनुच्छेद 22 – मनमानी गिरफ्तारी और नजरबंदी के विरुद्ध सुरक्षा
शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 और 24 )
- अनुच्छेद 23 – मानव व्यापार, बेगार और इसी प्रकार के बलात श्रम पर प्रतिबन्ध
- अनुच्छेद 24 – चौदह (14) वर्ष से कम आयु वाले के बच्चों को कारखानों , खदानों अथवा अन्य जोखिम भरे कामों के लिए नौकरी देने पर प्रतिबन्ध।
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार : (अनुच्छेद 25 से 28 )
- अनुच्छेद 25 – नागरिकों को किसी भी धर्म को मानने तथा उसका प्रचार-प्रसार करने की स्वतंत्रता।
- अनुच्छेद 26 – धर्म के लिए संस्थाओं की स्थापना करने , संचालन करने तथा विधि सम्मत सम्पति अर्जन करने ,प्रशासन संभालने का अधिकार।
- अनुच्छेद 27 – धर्म या धार्मिक सम्प्रदाय की प्रगति पर किए गए व्यय पर कर देने के लिए बाध्य नहीं।
- अनुच्छेद 28 – राजकीय कोष से संचालित किसी भी शैक्षणिक संस्थान में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी।
संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार : (अनुच्छेद 29 और 30 )
- अनुच्छेद 29 (A) – भारत के प्रत्येक नागरिक को विशेषकर अल्पसंख्यकों को उनकी भाषा ,संस्कृति और लिपि को बनाए रखने का अधिकार देता है।
अनुच्छेद 29 (B) – किसी भी नागरिक को राज्य द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों में भाषा , धर्म , जाति ,वंश और संस्कृति के आधार पर प्रवेश से इंकार नहीं किया जाएगा। - अनुच्छेद 30 – अल्पसंख्यकों को अपना शैक्षिक संस्थान स्थापित एवं संचालित करने का अधिकार।
संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32 )
अनुच्छेद 32 – यह अनुच्छेद लोगों को मौलिक अधिकारों को लागू करवाने के लिए उच्च न्यायालयों एवं सर्वोच्च न्यायालय में जाने की गारंटी देता है। किसी नागरिकों के अधिकारों का हनन होने पर सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।
डॉ अंबेडकर ने अनुच्छेद 32 को संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद बताया है। “एक अनुच्छेद जिसके बिना संविधान अर्थविहीन है, यह संविधान की आत्मा और ह्रदय है। ” उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि अनुच्छेद 32 में संविधान की मूल विशेषताएं हैं।
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