पीपल जातर (Peepal Jaatar) ढालपुर-जिला कुल्लू

Peepal Jaatar Dhalpur District Kullu

पीपल जातर (Peepal Jaatar) ढालपुर-जिला कुल्लू हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है। यहाँ हर गांव में देवताओं का निवास स्थान होता है। देवताओं के साथ कोई न कोई मेला अवश्य जुड़ा होता है। जहाँ मेले होतें हैं वहां देवताओं का आना भी आवशयक होता है। इस तरह जगह-जगह , गांव-गांव में मेलों का आयोजन …

Read more

Language And Dialects of Himachal Pradesh

Languages of Himachal Pradesh

Language And Dialects of Himachal Pradesh व्याख्या : लाहौल -स्पीति में निवास करने वाली स्वांगला जनजाति द्वारा ‘मनछद ‘तथा ‘चिनाली ‘ भाषाएँ बोली जाती है। लाहौल -स्पीति में लाहौली ,भोटी , गेहरी , मनछद , चागसा ,तिनान ,पट्टनी ,रंगलोई आदि बोलियाँ बोली जाती है। भोटी बोली स्पीति तथा चंद्रा और भागा घाटी में बोली जाती …

Read more

Books and Authors of Himachal Pradesh

Books and authors of Himachal Pradesh

Books and Authors of Himachal Pradesh हिमाचल प्रदेश में बहुत महान लेखक और साहित्यकार रहे हैं जिन्होंने हिमाचली और भारतीय साहित्य में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। हिमाचल प्रदेश के लेखकों ने अपनी संस्कृति, परंपरा, और जीवनशैली को अपने साहित्य के माध्यम से लोगो तक पहुंचाया हैं। हिमाचल प्रदेश के साहित्य में पर्वतीय जीवन की …

Read more

Beth Begaar and Reet Social Practices in HP

Beth Begaar and Reet Social Practices in HP

Beth Begaar and Reet Social Practices in HP बेठ का क्या अर्थ है ? बेठ : निम्न जातियों से जबरदस्ती बिना मजदूरी दिए उच्च जातियों द्वारा सेवा प्राप्त करने की प्रथा बेठ कहलाती है। उच्च जाति के लोग निम्न जातियों के सेवकों की भाँति कार्य करवाते थे जिसमे सभी प्रकार के निम्न कार्य शामिल थे। …

Read more

Traditional Dress of Himachal Pradesh | हिमाचल प्रदेश का पहनावा

Traditional Dress of Himachal Pradesh | हिमाचल प्रदेश का पहनावा

Traditional Dress of Himachal Pradesh | हिमाचल प्रदेश का पहनावा जिस प्रकार प्रदेश के निम्न, मध्य और ऊपरी भाग में भौगोलिक विभिन्नता पाई जाती है, वैसे ही वेष भूषा में भी पाई जाती है। इसके कारण भी भैगोलिक हैं क्योंकि निम्न क्षेत्र ज्यादा ठण्डे नहीं, मध्य क्षेत्र ठण्डे हैं और ऊपरी क्षेत्र अधिक ठण्डे हैं। …

Read more

Fair And Festival of Lahaul Spiti | लाहौल स्पीति के मेले और त्यौहार

Fair And Festival of Lahaul Spiti | लाहौल स्पीति के मेले और त्यौहार

Fair And Festival of Lahaul Spiti | लाहौल स्पीति के मेले और त्यौहार संस्कार और उत्सव समाज की धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं के प्रतिबिम्ब होते हैं। समाज जिस धर्म को अपनाता है वह संस्कारों और उत्सवों द्वारा प्रदर्शित होता है। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक प्रकार के त्यौहार व उत्सव मनाए जाते हैं। …

Read more

Fair And Festival of District Kinnaur | किन्नौर जिले के त्यौहार

Fair And Festival of District Kinnaur | किन्नौर जिले के त्यौहार

Fair And Festival of District Kinnaur | किन्नौर जिले के त्यौहार हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में अनेक प्रकार के मेले तथा त्यौहार मनाए जाते हैं। जिनकी अपनी एक अलग विशेषताएं। मेले और त्यौहार क्षेत्र की संस्कृति ,रीति-रिवाजोंऔर रहन सहन को दर्शाते हैं। किन्नौर जिला के कुछ महत्वपूर्ण मेले तथा त्यौहारों का वर्णन निम्न किया …

Read more

Banjar Fair District Kullu Himachal Pradesh

Banjar Festival of District Kullu HP

Banjar Fair District Kullu Himachal Pradesh यह मेला ज्येष्ठ संक्रान्ति के तीसरे दिन मनाया जाता है। इसमें श्रृंगी ऋषि तथा इसी क्षेत्र के अन्य देवता सम्मिलित होते हैं। यह भीतरी सिराज का सबसे बड़ा मेला है जो तीन दिन तक मनाया जाता है। श्रृंगी ऋषि का मन्दिर ‘बागी गांव’ में है परन्तु मूल आश्रम संकीर्ण …

Read more

Bhunda Festival of Nirmand District Kullu

Bhunda Festival of Nirmand District Kullu

Bhunda Festival of Nirmand District Kullu भारत में पहले नर बलि की प्रथा थी। भूण्डा भी नर बलि का त्यौहार है। कुल्लू जिला में इसे ‘बला’ (भीतरी सिराज) तथा निरमण्ड (बाहरी सिराज) में प्रमुख रूप से मनाया जाता रहा है। ‘बला’ जहां मार्कण्डेय ऋषि और बाला सुन्दरी के मंदिर हैं, में भूण्डा उत्सव मनाना बंद …

Read more

बूढ़ी दिवाली | निरमण्ड की बूढ़ी दिवाली : जिला कुल्लू

Nirmand Ki Budhi Diwali District Kullu

बूढ़ी दिवाली | निरमण्ड की बूढ़ी दिवाली : जिला कुल्लू यह दिवाली प्राचीन काल से कुल्लू क्षेत्र में मनायी जाती है। इस दीवाली का दीपावली से कोई संबंध नहीं है। यह दीपावली से ठीक एक मास बाद मार्गशीर्ष की अमावस्या को मनाई जाती है। रात्रि को भिन्न-भिन्न दिशाओं से मशालों के साथ लोग आते हैं। …

Read more

error: Content is protected !!