Hot Water Springs in Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश की धरती पर कई स्थानों पर सर्वदा गर्म रहने वाले पानी के चश्मे पाए जाते हैं। जो लोगों के लिए तीर्थ -स्थान हैं,जिनमे नहाना पुण्यकारक एवं व्याधि -निवारक समझा जाता है। इनमे पार्वती नदी के किनारे मणिकर्ण ,भुंतर से 32 किलोमीटर दूर कसोल ,मणिकर्ण से ऊपर खीरगंगा ,मनाली के समीप वशिष्ठ कुण्ड ,मंडी में तातापानी और शिमला में रामपुर के समीप ज्योरी के चश्मे प्रसिद्ध है इन चश्मों के साथ धार्मिक मान्यताओं के साथ -साथ कई चर्म रोगों के निवारण का महत्व भी जुड़ा हुआ है। कुछ जल स्त्रोतों का तापमान कवथनांक से भी ऊपर होता है जिनमे भोजन पक जाता है ।
Table of Contents
खीर गंगा (Khir Ganga) :
यह स्थल मणिकर्ण से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। मणिकर्ण के आगे पैदल या घोड़ों पर जाना पड़ता है। गंधक के कारण पानी गर्म है तथा चिकना भी है गंधक के कण किनारों तथा तल के साथ चिपके रहते है। जिस कारण जल श्वेत दिखता है सम्भवत खीर गंगा नाम इसी कारण पड़ा है। इस स्थान पर शिव पुत्र कार्तिकेय ने तपस्या की थी। खीर गंगा कुल्लू से 26 किलोमीटर तथा पुलगा से 10 किलोमीटर दूर है ।
कसोल (Kasol) :
यह जिला कुल्लू में भुंतर से 32 किलोमीटर दूर निखटंन गाँव के सामने स्थित है। इस चश्मे का जल मणिकर्ण के जल की अपेक्षा ठंडा तथा सहनीय है। कसोल चश्में के जल का तापमान खीरगंगा चश्मे के जल के अनुरूप है। कुल्लू से 42 किलोमीटर दूर तह चश्मा पार्वती नदी के किनारे स्थित है। हिमाचल प्रदेश का प्रथम एयर पोर्ट भुंतर से इसकी दुरी 32 किलोमीटर है। यह पार्वती के किनारे पर स्थित है ।
वशिष्ठ (Vashishth) :
यह चश्मा ब्यास के बाएँ किनारे पर मनाली से 3 किलोमीटर दूर है। यहाँ गर्म जल कई चट्टानों के नीचे से निकलता है। यहाँ पर ऋषि वशिष्ठ तथा भगवान् राम का मंदिर भी है। वशिष्ठ के पानी का तापमान 111 F है लेकिन कुंड के मुहाने के जल का तापमान 23 F है। कुल्लू घाटी के सभी देवता वशिष्ठ कुंड में स्नान करने आते है। लेकिन ऋषि वशिष्ठ स्वयं बर्फ सी ठंडी भृगु झील में स्नान करते है।
कलथ (Kalath) :
यह स्थान मनाली से 4 किलोमीटर, कुल्लू की ओर सड़क के निकट ब्यास नदी के दाईं ओर है। इस जल में लौह अयस्क की मात्रा अधिक है। कलथ स्त्रोत का जल न अधिक गर्म न अधिक ठंडा जल का तापमान नहाने के अनुकूल है।
बैहना (Vehana) :
बाहरी सिराज में सतलुज के किनारे लुहरी के निकट ,आनी -लुहरी सड़क पर यहाँ गर्म जल का स्त्रोत है।
तत्तापानी (Tataapaani) :
सतलुज नदी के दाएँ किनारे पर शिमला से 51 किलोमीटर दूर मंडी जिले में स्थित है। इस जिले का पानी प्राकृतिक गंधक युक्त है। मंडी से करसोग के रास्ते ततापानी की दुरी लगभग 150 किलोमीटर है। ततापानी समुद्र तल से 656 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कोल बांध के निर्माण से ततापानी के अधिकतर स्त्रोत सतलुज के जल में समा गए है।
मणिकर्ण Manikaran) :
जिला कुल्लू की पार्वती घाटी में पुराने जल ब्रह्मगंगा पुल से 1.3 किलोमीटर की दुरी पर मणिकर्ण स्थित है। कुल्लू से यह 45 किलोमीटर दूर है। यहां के जल में गंधक तथा लौह -अयस्क नहीं पाया जाता अपितु रेडियोधर्मिता विद्यमान रहती है। यह स्थल हिन्दू मंदिर तथा गुरूद्वारे के लिए प्रसिद्ध है।
इनके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश कुछ जल प्रपात भी है जो पर्यटन की दृष्टि से प्रसिद्ध हैं । इनमे प्रमुख है राहला जल प्रपात मनाली के समीप जिला कुल्लू ,सतधारा जल प्रपात जिला चम्बा , छानछो जल प्रपात ,भरमौर के नजदीक जिला चम्बा ,चम्बा जिला के मान स्थान पर कालिका कुंड ,सुमरहिल शिमला के नजदीक चैडविक झरना ,मैक्लोडगंज जिला काँगड़ा में भगसूनाग झरना काँगड़ा घाटी में कई गर्म पानी के कई चश्मे है , जिनमे नमक तथा आयोडीन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। दो झरने एक कोपरा (नादौन के नजदीक ) तथा दूसरा ज्वालामुखी के समीप ब्यास नदी के किनारे है जिनकी खोज 10 दिसंबर 1854 को की गई थी एक झरना लुनानी में स्थित है। कांगड़ा घाटी का सलोल झरना की खोज तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी काँगड़ा ,कैप्टैन ए कोलमैन ने की थी ।
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख झरने
| झरने व चश्मे | जिला /स्थान |
| 1. वशिष्ठ (व्यास नदी के बाएँ किनारे ) | कुल्लू (गर्म ) |
| 2. खीर गंगा (पार्वती नदी से संबद्ध ) | कुल्लू (गर्म ) |
| 3. कसोल (पार्वती नदी से संबद्ध ) | कुल्लू (गर्म ) |
| 4. मणिकर्ण (पार्वती नदी के दाएँ किनारे ) | कुल्लू (गर्म ) |
| 5.राहला कुल्लू (मनाली ठंडा | कुल्लू (मनाली) ठंडा |
| 6.ज्योरी (अन्नू नाले के पास ) | शिमला (रामपुर बुशहर ) गर्म |
| 7.चैडविक | शिमला (समर हिल ) ठंडा |
| 8. टापरी | किन्नौर (गर्म ) |
| 9. भागसूनाग काँगड़ा (मैक्लोडगंज ) ठंडा | काँगड़ा (मैक्लोडगंज ) ठंडा |
| 10.ज्वालामुखी (व्यास नदी के पास ) | काँगड़ा (ठंडा ) |
| 11.लुनानी | काँगड़ा (ठंडा ) |
| 12.सुल्ह | काँगड़ा (ठंडा ) |
| 13.सातधारा | चम्बा (पंजपुला ) (ठंडा ) |
| 14.छानछो (धानेखा ) | चम्बा (ठंडा ) |
| 15.कालिका | चम्बा (ठंडा) |
| 16. तत्तापानी (सतलुज के दाएँ किनारे ) | मंडी (करसोग ) (गर्म )गंधक युक्त |
| 17.कलथ (व्यास नदी के दाएँ किनारे ) | कुल्लू (मनाली ) न ज्यादा गर्म न ज्यादा ठंडा |
| 18.बैहना (सतलुज के किनारे ) | कुल्लू (बाहरी सिराज ) गर्म |
- लुंड और ददराणा चश्मे बिलासपुर जिले में स्थित है।
- देईकुंड डलहौजी (चम्बा) के पास स्थित है।
- मणिकरण चश्में में रेडियोधर्मिता विद्यमान है। मणिकरण का अर्थ है – कान की बाली। यहाँ पार्वती माँ के कान की बाली गिरी थी। शिवजी के क्रोध से इसका पानी उबलने लगा तथा हजारों मणियाँ कुण्ड से बाहर आ गई थी।
- खीरगंगा में शिव पुत्र कार्तिकेय ने तपस्या की थी।
Also read: Jots and passes in Himachal
- HPPSC Shimla All Latest Notification -December 2025

- HPU Shimla All Latest Notifications -December 2025

- SSC Constable (GD) And Rifleman (GD) Recruitment 2026

- HPRCA Hamirpur Special Educator, JOA (Library) And Steno-Typist Recruitment 2026

- HPU Shimla All Latest Notifications -November 2025
