Religious beliefs and practices in Himachal Pradesh
- हिमाचल प्रदेश के अधिकतर बौद्ध, बौद्ध -धर्म की तीसरी शाखा को मानते है। यह तीसरी शाखा कौन सी है ?
A) महायान
B) हीनयान
C) वज्रयान
D) दृष्टयान
उत्तर B) : वज्रयान
व्याख्या :- बौद्ध ,हिमाचल प्रदेश का चौथा बड़ा धार्मिक समूह है। सबसे अधिक बौद्ध अनुयायी किनौर जिले में है। इसके बाद लाहौल स्पीति का स्थान आता है। धर्मशाला में तिब्बती ,बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा का निवास स्थान है। महान बौद्ध भिक्षु पद्मसंभव का जन्म स्थान रिवालसर में ही हुआ है। ताबो गोम्पा विश्व का सबसे पुराना गोम्पा है। यह 996 में स्थापित किया गया था। इसे हिमाचल प्रदेश का अजंता कहा जाता है। ‘की ‘ गोम्पा विश्व का सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित गोम्पा है। ये दोनों लाहौल स्पीति जिले में स्थित है। सम्राट अशोक ने कुल्लू घाटी में भगवान बुद्ध के उस क्षेत्र में आगमन की पुण्य-स्मृति में एक स्तूप बनाया।काँगड़ा जिले के चैतड़ू स्थान में भी एक स्तूप बनवाया , स्थानीय लोग इसे ‘भीम का टीला ‘ कहते हैं।
- शिरगुल देवता की पूजा किस क्षेत्र में की जाती है ?
A) सिरमौर-शिमला
B) ऊना-हमीरपुर
C) बिलासपुर-सोलन
D) काँगड़ा-चम्बा
उत्तर A) सिरमौर-शिमला
व्याख्या :– सिरमौर के चूड़धार के प्रसिद्ध देवता शिरगुल है जो सिरमौर के साया गॉंव के भोखरू नामक मुखिया के घर जन्मे थे। माता पिता की मृत्यु के बाद वे हरिद्वार चले गए थे जहाँ उनकी भेंट चुहडु नामक शिवभक्त से हुई। वापिसी पर दोनों चूड़धार आ गए। चुहडु को शिरगुल का बजीर माना जाता है। देवीराम और उसके पुत्रों ने शिरगुल का मंदिर बनवाया। मानल ,देओणा,बांदल ,जतक व नाओणी आदि में शिरगुल के मंदिर है।
- किस जगह में सती की जीभ गिरी थी ?
A) ज्वालामुखी में
B) बृजेश्वरी में
C) चामुण्डा में
D) चिंतपूर्णी
उत्तर A) ज्वालामुखी में
व्याख्या :- सारे भारत को एक सूत्र में बांधने वाली देवी सती ही है। जब उसने अपने पिता दक्षराज के यज्ञ में अपमान के कारण अपने प्राण दे दिए तो शिवजी ने उसके मृत शरीर को उठा क्र तांडव शुरू कर दिया। विष्णु ने सुदर्शन चक्र से प्रलय से बचाने के लिए उसके शरीर के टुकड़े कर दिए जो 51 स्थानों पर गिरे। लाहौल में मृकुलदेवी मंदिर ,चम्बा के छतराड़ी में शक्ति देवी मंदिर बृजेश्वरी मंदिर (काँगड़ा ), ज्वालामुखी मंदिर (यहाँ सती की जीभ गिरी थी ) 51 शक्ति पीठों में से एक ,चामुंडा मंदिर (काँगड़ा ), चिंतपूर्णी मंदिर (ऊना) .
- खुशी के अवसर पर गद्दी लोग शिवपूजा के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं ,जिसका नाम है :-
A) शिवरात्रि
B) शिव शक्ति पूजा
C) नुआला
D) इनमे से कोई नहीं
उत्तर C) : नुआला
व्याख्या :- चम्बा के गद्दी लोग शिव के उपासक हैं। हर घर में हर बर्ष शिव के नाम यज्ञ /पूजा की जाती है ,जिसे नुआला कहते है। हिमाचल प्रदेश में शैवधर्म के होने का प्रमाण कुलिंदो के सिक्कों से भी मिलता है। जिसमें अनेक शैव प्रतिक ‘नदी बैल ‘ और ‘सर्प ‘मिलते है। हिमाचल प्रदेश में अनेक शिव मंदिर है। मंडी को छोटा काशी कहा जाता है।
- हिमाचल प्रदेश के किस क्षेत्र में वासुकी नाग की पूजा प्रसिद्ध है ?
A) सिरमौर
B) कुल्लू
C) ऊना
D) चम्बा
उत्तर D) चम्बा
व्याख्या :- हिमाचल प्रदेश में लाल रंग के साँप को देवता का प्रतीक मानकर उसकी पूजा की जाती है। हिमाचल प्रदेश में कामरु ,माहुंनाग (मण्डी ), वासुकी नाग (चम्बा ),चमौन नाग (कुल्लू ),बढुआ नाग (किनौर ), देट व ज्वालिया नाग(कांगड़ा ) तथा कंधारल घुंड नाग(शिमला ) के प्रसिद्ध नाग मंदिर हैं।
- लोकगाथा के अनुसार बाबा बालकनाथ ने किस स्त्री की गौएं चराई ?
A) रामप्यारी
B) रत्नो
C) बाला सुंदरी
D) तारा
उत्तर B) रत्नों
व्याख्या :- बाबा बालक नाथ ने पार्वती की कृपा से मानसरोवर के समीप मनुष्य रूप में शिवजी के दर्शन पाए थे ,जिसमे उसकी सहायता एक स्त्री ने की जो अगले जन्म में बिलासपुर के तलाई नामक स्थान पर रत्नो लुहारी के नाम से प्रसिद्ध हुई। बाबा बालक नाथ ने अपना ऋण चुकाने के लिए उसकी गउएँ चराकर सेवा की। गुरु गोरखनाथ ने उन्हें अपना चेला बनाना चाहा ,परन्तु बाबा बालक नाथ गुफा में अंतर्ध्यान हो गए ,जहाँ आज उनका मंदिर है।
हिमाचल प्रदेश में सिद्ध और नाथ की पूजा बहुत समय पहले से हो रही है। चम्बा नगर के संस्थापक राजा साहिल वर्मन के गुरु चरपट नाथ थे और हिमाचल प्रदेश में सिद्ध पूजा महाभारत काल से प्रचलित है।
- रिन चान साँग पो कौन थे ?
A) एक तिब्बती विद्वान जिन्हे बौद्ध धर्म से संबधित अध्ययन के लिए भारत भेजा गया था।
B) तिब्बत के एक प्रसिद्ध इतिहासकार
C) तिब्बती शासक जिसने पृथक तिब्बत राज्य की स्थापना की थी।
D) एक प्रसिद्ध तिब्बती कवि
उत्तर A) : एक तिब्बती विद्वान जिन्हे बौद्ध धर्म से संबधित अध्ययन के लिए भारत भेजा गया था।
व्याख्या : रिन चान साँग पो एक तिब्बती विद्वान थे जिन्हे बौद्ध धर्म से संबधित अध्ययन के लिए भारत भेजा गया था।
- जामलु देवता की पूजा कहाँ की जाती है ?
A) मणिकर्ण
B) निरमंड
C) मलाणा
D) वशिष्ठ
उत्तर C) : मलाणा
व्याख्या :- कुल्लू के मलाणा में जामलू देवता का शासन चलता है। कई लोग जमदग्नि ऋषि को जामलू देवता का रूप मानते हैं। कई लोग मलाणा वासियों को सिकंदर के यूनानी सैनिकों (जो वहाँ बस गए ) की संतान मानते हैं। अकबर की बेटी के कुष्ठ रोग से छुटकारा पाने के लिए दो पैसे ,सोने चाँदी सहित जामलू देवता के खजाने में मलाणा भिजवाए थे जिसकी याद में हर वर्ष फाल्गुन मास में यहाँ मेला लगता है।
- किस पुराण के अनुसार बाणासुर को , जो ऊपरी शिमला के सराहन क्षेत्र का शासक था , को कृष्ण ने मारा था ?
A) तप पुराण
B) अन्न पुराण
C) देव पुराण
D) गरुड़ पुराण
उत्तर C) : देव पुराण
व्याख्या : देव पुराण के अनुसार ऊपरी शिमला के सराहन क्षेत्र के शासक बाणासुर को कृष्ण ने मारा था।
- रेणुका धाम इनमे से किससे संबधित है ?
A) श्री कृष्ण
B) संसार चंद
C) परशुराम
D) वशिष्ठ
उत्तर C) :परशुराम
व्याख्या : रेणुका भगवान परशुराम की माता है। रेणुका को अपने पुत्र परशुराम के हाथों बलिदान होना पड़ा ,जिसने जमदग्नि की आज्ञा का पालन करते हुए ऐसा किया था।
- महासू देवता की पूजा किस क्षेत्र में की जाती है ?
A) मण्डी
B) चम्बा
C) लाहौल
D) शिमला
उत्तर D) : शिमला
व्याख्या : महासू देवता की पूजा पुराने महासू आज के शिमला जिले में होती है। महासू महाशिव का का विकृत रूप प्रतीत होता है। महासू देवता एक देवता न होकर चार भाई देवों का समूह है जिनका नाम है-भोंटू ,पब्बर ,वाशिक और चालाडु।
डुम देवता -डुम के देवता का प्रसिद्ध मंदिर फागु (ठियोग ) के करयाणा गॉंव में है। गाय के बच्चा देने पर पहला दूध या घी इस देवता को चढ़ाया जाता है।
बिज्जट देवता -बिज्जट देवता का संबंध शिरगुल से हैं उन्हें बिजली देवता माना जाता है। अग्न्यसुर ने जब चूड़धार पर आक्रमण किया तो बिज्जट देवता ने उन्हें हराया। सराहा में उनका मंदिर है। बिज्जट देवी बिज्जट महाराज की बहन है जिसका बतरौली में सात मंजिला मंदिर है।
- किस जिले में ‘मुंडलीख ‘ के नाम से गुगा की पूजा की जाती है ?
A) काँगड़ा
B) चम्बा
C) हमीरपुर
D) मण्डी
उत्तर B) : चम्बा
व्याख्या :– गुग्गा को मुख्यत: सर्पों से रक्षा करने वाला देवता माना जाता है परन्तु इच्छा पूरक देवता व आपत्ति निवारक देवता के रूप में भी उसकी पूजा की जाती है। गुगा के मंदिर को ‘गुगामड़ी ‘ कहा जाता है जो राजस्थान में ‘गुगामड़ी ‘ में स्थित गुगा मंदिर का प्रतिरूप मानी जाती है। रक्षाबंधन के दिन से आरम्भ करके गुगा पूजक गाँवो में घूम घूमकर गुगा लोक गाथा का गायन करते है।
Religious beliefs and practices in Himachal Pradesh
Read this also : Books and authors of Himachal pradesh
- HP TET JBT Question Paper Pdf November 2025

- AIIMS Bilaspur (HP) Senior Residents Recruitment 2025

- JSV Division Sarkaghat Para Cook And Para Helper Recruitment 2025

- HPPSC Shimla Scientific Assistant And Assistant Director Recruitment 2025 -Apply Online

- HPPSC Shimla HPFS (ACF) Preliminary Examination, 2025 Result
