डोडरा-कवार का विद्रोह – हिमाचल प्रदेश
1906 ई. में बुशहर के गढ़वाल के साथ लगते क्षेत्र डोडरा -कवार में एक विद्रोह शुरू हुआ था। इस क्षेत्र का प्रशासन राजा की ओर से किन्नौर के गांव पवारी के वंशानुगत वजीर परिवार के रणबहादुर सिंह के हाथ में था।
उसने राजा के विरुद्ध विद्रोह कर के डोडरा कवार को स्वतंत्र बनाकर अपने अधीन करने का प्रयास किया। उसने वहां की राजकीय आय भी बुशहर के खजाने में जमा करनी बंद कर दी। वहां के लोगों ने भी उसके समर्थन में बुशहर राज्य के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। उसने राजा की अवज्ञा ही नहीं की बल्कि अंग्रेज सरकार के दबाव की भी परवाह नहीं की।
रणबहादुर उस समय का एक राष्ट्रवादी था। अंत में उसे शिमला पहाड़ी रियासतों के अंग्रेज अधिकारी के आदेश पर 1906 ई. में पकड़कर शिमला लाया गया और बंदी बना लिया गया। उसने हड़प की गई राजकीय आय को वापिस करना स्वीकार किया। वह यहां बीमार हो गया।
अंत में उसे कैद से मुक्त कर दिया गया। लेकिन इसके बाद वह हड़प की हुई राशि को वापिस न कर सका। उसकी मृत्यु शिमला में ही हो गई। डोडरा कवार के जो लोग गांव छोड़कर चले गए थे उन्हें बाद में राजा ने वापिस बुला लिया।
डोडरा-कवार का विद्रोह – हिमाचल प्रदेश
इसे भी पढ़ें : बाघल रियासत का भूमि आंदोलन
- HPPSC Shimla Lecturer ( Agad Tantra, Ras-Shastra, Rog-Nidan & Samhita) Recruitment 2023
- HPPSC Shimla Assistant Research Officer Recruitment 2023
- APS Dagshai Driver, Clerk, Warden Recruitment 2023
- Indian Navy Trade Apprentice Recruitment 2023 -Apply Online
- Solved GK Questions Asked In HP TET Shastri November 2023