Fossil Parks in India (जीवाश्म पार्क)
जीवाश्म पार्क कालनुसार जीवन उद्गम की सूचनाएं और विविधता प्रदान करते हैं। जीवाश्म पार्क में जीवाश्मों को संरक्षित किया जाता है और जनता में जीवाश्मों के मूल्यों की जानकारी फैलाते हैं।
भारत के प्रमुख जीवाश्म :
शिवालिक जीवाश्म पार्क ( सुकेती, जिला सिरमौर, हिमाचल प्रदेश) :
इसमें शिवालिक पहाड़ियों में निवास करने वाले पृष्ठवंशीयों के आकार के मॉडल है, जो 1.5 से 2.5 मिलियन वर्ष पहले यहां रहते थे। यह हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में लगभग 1.5 वर्ग किलोमीटर में तक फैला है। यह स्थान प्लियो-प्लिस्टोसीन काल के परिदृश्यों के रूप में विस्तृत वनों में विकसित किया गया था।
मंडला पादप जीवाश्म राष्ट्रीय पार्क (डिंडोरी, मध्य प्रदेश) :
मंडला पादप जीवाश्म राष्ट्रीय पार्क का कुल क्षेत्र 0.27 वर्ग किमी है , जो मध्य प्रदेश के जिला डिंडोरी के नामित गांवों धुधवा, उमरिया, देवरा खुर्द, बारबासपुर, चांटी पहाड़ियां, चारगांव, देवरी कोहंज में बिखरे है। यह राष्ट्रीय पार्क 40-150 मिलियन वर्ष की जीवाश्म अवशेषों को संरक्षित करता है।
घुघुल राष्ट्रीय पार्क (मध्य प्रदेश) :
यहां राष्ट्रीय पार्क पादप जीवाश्म 18 पौधों की 31 जातियों के परिवार का संग्रह है। ये जीवाश्म 65 मिलियन वर्ष पूर्व के जीवन का संकेत देते हैं। ये कुडी पौधे , बेल, पत्तियां, फूल, बीज आदि का कुंड है। यहां पर दिकोटी लेडन और पाम जीवाश्म बहुत है। कुछ जीवाश्म कवच पहनने वाले पशुओं के है ।
समुद्री गोंडवाना जीवाश्म पार्क ( मनेंद्रगढ़, सरगुजा जिला, छत्तीस़़ढ) :
यह राष्ट्रीय पार्क सागरीय पर्मियन चट्टानों का जीवशमीकरण जो 280 -240 मिलियन वर्ष पुरानी तलविर संरचना है। यह हसईदओं नदी के दाहिने किनारे , और हाशिआ नाला तक 1 किमी में फैला है।
राष्ट्रीय जीवाश्म काष्ठ पार्क (तुरुवाककराई , तमिलनाडु) :
यहां 3.15 मीटर से 5 मीटर लंबी घोड़े की चाल के 200 वृक्षों के जीवाश्म है जो मध्य पलायोसीन काल के लगभग 20 मिलियन वर्ष पुराने कुड्डालोर रेतीले पत्थर में क्षैतिज स्तर में दबे है। यह एक वर्ग किमी क्षेत्र को घेरे है। सबसे लंबा नमूना 13.4 मीटर लंबा और 0.9 मीटर चौड़ा है।
राष्ट्रीय जीवाश्म काष्ठ पार्क ( तन्नतपुर, तमिलनाडु) :
यह राष्ट्रीय जीवाश्म काष्ठ पार्क ऊपरी क्रेटेशियस युग (100 मिलियन वर्ष पूर्व) के वृक्षों की शाखाओं को कड़ा बनाया गया होगा। ये वृक्ष बिना पुष्पों के और भूमि के बड़े भाग में फैले थे। सलतनतपुर के वृक्षों की शाखों के जीवाश्म 18 मीटर से अधिक लंबे है।
अकाल जीवाश्म काष्ठ पार्क ( जैसलमेर , राजस्थान) :
यह पार्क 21 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हैं। यहां 180 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म है। यहां लकड़ी के लठठों के जीवाश्म है ( पैट्रोफिलम, प्टिलोफिलाम, इकविसेटिटिस, दिकोटिलेडोनास) तथा निम्न जुरासिक काल के गेस्ट्रोपोड शैलों के आवरण है जो अनियमित क्षैतिज पूर्व स्थिति में है।
स्ट्रोमेटोलाइट पार्क ( भोजुंडा, चितौड़गढ़ जिला, राजस्थान):
इस पार्क में स्ट्रोमेटोलाइट नीली हरी शैवाल से बनी सरंचना है। वहां के रूप के जीवन की गतिविधियों और शैवाल की अवसादों को फसान को और बैक्टेरिया के कोशिका संयोजन है। इनकी सरंचना छिछल जल में बनती है जहां शवान के साथ तैरते अवसादी पदार्थ आते है और ये कार्बोनेट के कणों को बहते है। ये प्रारंभिक जीवन के प्रकार के पदचिन्ह है।
स्ट्रोमेटोलाइट पार्क (झारखंड, उदयपुर जिला, राजस्थान):
यह विशाल और संपन्न फोस्फोराइट के निक्षेप हैं।इस स्थान पर पृथ्वी के प्रारंभिक जीवन के प्रमाणों को सुरक्षित करता है। ये पूर्व केंब्रियन की अरावली सुपर ग्रुप की चट्टानों में पाए जाते हैं। ये फास्फोरस चट्टानों में 15 किमी लंबे फास्फेट चट्टान विस्तृत है। डोलोमाइट चुना पत्थर से संबंधित स्ट्रेटोमाइट चट्टानों में पाए जाते हैं।
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