Himachal Pradesh Weekly Current Affairs July (3rd Week)
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 1605 मामले स्वीकृत
- मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 1605 मामलों को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके तहत लाभार्थियों को 312 करोड़ रुपये के ऋण प्रदान किए जाएंगें।
- इस योजना के तहत आरंभ में परियोजना लागत सीमा, जिसमें कार्यशील पूंजी 40 लाख रुपये थी, को वर्ष 2019-20 में बढ़ाकर 60 लाख रुपये किया गया है।
- सरकार ने यह निर्णय भी लिया है कि चालू पूंजी निवेश में पूर्व निर्धारित सीमा के अनुसार योजना के तहत इकाइयों की स्थापना के लिए आवश्यक भवन और अन्य परिसंपत्तियां भी शामिल की गई हैं।
- सरकार निवेश/मशीनरी पर 25 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है, जबकि महिलाओं को 30 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
- चालू वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने योजना के तहत 45 वर्ष तक की आयु की विधवाओं को 35 प्रतिशत अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया है।
- योजना तथा औधोगिक निवेश निति -2019 का लाभ उठाने के लिए emerginghimachal.hp.gov.in वेबसाइट पर लॉग-इन करें।
स्टार्ट अप हिमाचल योजना
- यह योजना युवाओं को अपने उद्यम स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए आरम्भ की गई है।
- इस योजना के अंतर्गत एक वर्ष के लिए प्रति माह 25000 रूपये का आजीविका भत्ता तथा राष्ट्रिय एवं अंतराष्ट्रीय पेटेंट फाइलिंग के लिए सब्सिडी दी जा रही है।
- स्टार्टअप द्वारा दिए गए नए आईडिया को प्रदेश द्वारा चयनित इन्क्यूबेशन सेंटरों में प्रोटोटाइप तैयार करने की सुविधा उपलब्ध है।
- हिमाचल सरकार द्वारा स्टार्टअप के लिए वेंचर कैपिटल फण्ड स्थापित किया गया है।
स्टार्टअप का गठित समिति द्वारा चयन होगा। - योजना का लाभ उठाने के लिए www.startuphimachal.hp.gov.in पर रजिस्टर करें।
वर्तमान वित्त वर्ष में जनजातीय क्षेत्र उप-योजना के अंतर्गत 711 करोड़ रुपये का प्रावधान
- जनजातीय क्षेत्र उप योजना के अंतर्गत वर्तमान वित्त वर्ष के बजट में 711 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, यह गत वर्ष के बजट आवंटन से 72 करोड़ रुपये अधिक है।
- जनजातीय उप-योजना के अंतर्गत नियमित राज्य बजट के अतिरिक्त संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्रालय द्वारा 34.74 करोड़ रुपये आवंटन किया गया है।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 15.45 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्रालय ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के भवन निर्माण के लिए 33.36 करोड़ रुपये प्रदान किए
- जनजातीय क्षेत्रों में विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के लिए जिला किन्नौर में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्थापित किया गया है।
- शैक्षणिक सत्र 2019-20 से भरमौर के खणी, लाहौल के बारिंग और पांगी के कवास में तीन अन्य आदर्श विद्यालय शुरू किए गए हैं। इन विद्यालयों के उचित प्रबन्धन के लिए हिमाचल प्रदेश एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय प्रबन्धन समिति पंजीकृत की गई है।
- केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्रालय ने इन विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए 33.36 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।
हिमकेयर योजना
- हिमकेयर योजना के तहत फैमली फलोटर आधार पर एक वर्ष में प्रति परिवार 5 लाख रुपए की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।
- इस योजना के माध्यम से अभी तक 85,36,44,503 रुपए व्यय कर 96 हजार 382 रोगियों का निःशुल्क उपचार किया जा चुका है।
- ‘‘हिमकेयर योजना’’ का लाभ प्रदान करने के लिए लगभग 200 स्वास्थ्य संस्थानों को पंजीकृत किया गया है। इसमें 56 निजी अस्पताल और पीजीआई चंडीगढ़ को सम्मिलित किया गया है। इस योजना के तहत केंसर, पक्षाघात, मस्कूलर डिस्ट्राॅफी, हदृय से सम्बन्धित बिमारियां, एलजाईमर तथा अन्य गम्भीर बिमारियों का ईलाज भी शामिल किया गया है।
एचपी शिवा पायलट परियोजना
- एचपी शिवा पायलट परियोजना में 500 परिवारों को बागवानी से जोड़ा जाएगा। समूचे प्रदेश को बागवानी राज्य बनाने व बागवानी के माध्यम से प्रदेश के लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार ने एशियन विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित एचपी शिवा परियोजना तैयार की है।
- सरकार के प्रयासों व इस परियोजना को धरातल पर उतारने की बागवानी विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- एचपी शिवा परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को फल राज्य के रूप में विकसित करना है, ताकि प्रदेश के साथ-साथ लोगों की आर्थिकी को भी सुदृढ़ किया जा सके।
- एचपी शिवा परियोजना के अन्तर्गत चिन्हित क्षेत्रों में लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दो साल चलने वाले इस पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से लगभग 500 परिवारों को बागवानी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।
- परियोजना के अंतर्गत लगभग 2.50 लाख फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- हिमाचल के चार जिलों में लागू किया जा रहा है, जिनमें बिलासपुर, मण्डी, कांगड़ा और हमीरपुर जिले शामिल है । चयनित जिलों में परियोजना को लागू करने के लिए 17 समूह गठित किए गए हैं, जिनके अन्तर्गत बिलासपुर में चार, मण्डी में छह, कांगड़ा में पांच व हमीरपुर जिला में दो समूह गठित किए गए हैं।
- एक समूह में 10 हैक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया है। चिन्हित जिलों में परियोजना के अंतर्गत लगभग 170 हैक्टेयर क्षेत्र में फलदार पौधे रोपित किए जाने हैं।
- एशियन विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित एचपी शिवा परियोजना के पायलट प्रोजेक्ट के सफल कार्यन्वयन के बाद परियोजना का मुख्य प्रोजेक्ट वर्ष 2021-22 में आरम्भ किया जाएगा, जिस पर लगभग 1000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने प्रस्तावित हैं। परियोजना के प्रथम चरण में प्रदेश के लगभग 25 हजार परिवारों को बागवानी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।
71वां राज्य स्तरीय वन महोत्सव
- मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर जी ने आज 71वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के 41 वन मण्डलों में 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 1.20 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर जी ने इस अवसर पर पीटरहाॅफ होटल के परिसर में चिनार का पौधा भी रोपित किया।पहली बार हुआ है कि प्रदेश के 41 वन मण्डलों में एक साथ वन महोत्सव आयोजित किया गया। पिछले दो वर्षों में पौधों की जीवंतता दर लगभग 70 प्रतिशत रही, जो देश में उच्चतर दर में शामिल है।
- वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने नई योजनाएं आरम्भ की है जिनमें विद्यार्थी वन मित्र योजना, सामुदायिक वन संवर्द्धन योजना, वन समृद्धि जन समृद्धि योजना के अतिरिक्त चीड़ की पत्तियों पर आधारित नए उद्योग स्थापित करने, वन रक्षकों को हथियार उपलब्ध करवाना और वृक्षारोपण प्रक्रिया में बेहतरीन योगदान के लिए स्थानीय समुदायों को पुरस्कृत करना शामिल है
हिमाचल प्रदेश राज्य भार संप्रेषण केंद्र (स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर)
- मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर जी ने शिमला के उपनगर टुटू में नवीनीकृत हिमाचल प्रदेश राज्य भार संप्रेषण केंद्र (स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर) में रीयल टाइम पावर डाटा पहुंच और अनुमोदन के लिए वर्चुअल प्लेटफार्म का शुभारम्भ किया। यह केन्द्र क्षेत्र की पावर ग्रिड को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाएगा।
- प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में हिमाचल प्रदेश स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एचपीएसएलडीसी) को एक स्वतंत्र प्राधिकरण के रूप में घोषित किया था और उसके उपरान्त केन्द्र सरकार शेड्यूलिंग और प्रेषण, ऊर्जा लेखांकन, बिल संग्रहण एवं वितरण आदि के लिए एक एकीकृत सूचना प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
- मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का विद्युत राज्य होने का गौरव प्राप्त है। देश में उपलब्ध कुल 40 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता में से प्रदेश में 27 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता है। इसमें से 10,600 मेगावाट क्षमता का दोहन किया जा चुका है
एक बूटा बेटी के नाम
- बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने और लोगों को वृक्षारोपण की प्रक्रिया से जोड़ने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने एक अन्य नई योजना- एक बूटा बेटी के नाम भी आरम्भ की है।
- योजना के अन्तर्गत बालिका के जन्म के अवसर पर परिवार को पांच पौधे, ट्री गार्ड, बालिका के नाम की पट्टिका और 20 किलो केंचुए की खाद तथा तकनीकी जानकारी प्रदान की जाती है।
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