Himachal Pradesh Weekly Current Affairs (October 1st &2nd Week)

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को समर्पित की अटल टनल रोहतांग

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और हर मौसम में बहाल रहने वाली अटल टनल रोहतांग का विविधत् उद्घाटन कर देश को समर्पित किया। इस सुरंग के निर्माण से मनाली से लेह के बीच की दूरी 46 किलीमीटर कम होगी और यात्रा का समय भी चार से पांच घंटे कम होगा।
  • पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने वर्ष 2002 में टनल के दक्षिणी छोर तक पहुंचने के मार्ग की आधारशिला रखी थी।
  • 28 जून 2010 को कांग्रेस की राष्ट्रिय अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने मनाली के सोलंगनाला में आकर अटल टनल की आधारशिला रखी।
  • अटल टनल इस ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लम्बी उच्च मार्ग सुरंग बनी।
  • सुरंग के प्रत्येक 150 मीटर की दूरी पर आपातकालीन संपर्क के लिए दूरभाष की सुविधा, प्रत्येक 60 मीटर में अग्निशमन यंत्र, प्रत्येक 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरों के साथ दुर्घटना की पूर्व सूचना प्रणाली (ऑटो इंसिडेंट डिटैक्शन सिस्टम), हर एक किलोमीटर पर हवा की गुणवत्ता की निगरानी, प्रत्येक 25 मीटर पर प्रकाश एवं निकासी संकेत तथा प्रत्येक 60 मीटर की दूरी पर कैमरे और पूरी सुरंग में प्रसार प्रणाली की सुविधा उपलब्ध है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने हिमाचल के दारचा-बरसी और पलचान पुल का किया लोकार्पण

  • केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने आज नई दिल्ली से वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से 44 स्थाई प्रमुख पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया और नेचिपु सुरंग का शिलान्यास भी किया।
  • राष्ट्र को समर्पित किए 44 पुलों में दो पुल हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं, जिनमें मनाली-सरचू-लेह राजमार्ग पर स्थित दारचा बरसी पुल भी शामिल है।
  • दारचा में भागा नदी पर 360 मीटर लंबा यह पुल देश का दूसरा सबसे लंबा पुल है। इस पुल का निर्माण 27.25 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
  • यातायात सुचारू बनाये रखने के साथ यह नया पुल अधिक भार वहन क्षमता में भी सहायक सिद्ध होगा।
  • दारचा लाहौल में केंलग से 33 किलोमीटर दूरी और 11 हजार 20 फीट ऊंचाई पर स्थित है। इ
  • स परियोजना को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 70 सड़क निर्माण कंपनी द्वारा निर्मित किया गया है। रक्षा मंत्री ने मनाली-सोलंग-लेह राजमार्ग पर ब्यास नदी पर बनाए गए 110 मीटर पलचान पुल का भी आज लोकर्पण किया।
  • इस पुल का निर्माण 12.83 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।

आरएएस तकनीक से भूमि आधारित मछली पालन शुरू करेगा हिमाचल

  • हिमाचल प्रदेश वर्ष भर मछली की विभिन्न किस्मों को जुटाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत आरएएस तकनीक का उपयोग कर भूमि आधारित मछली पालन शुरू करेगा।
  • प्रदेश इस योजना के तहत आरएएस तकनीक का उपयोग करते हुए वर्ष 2020-21 से 2024-25 के बीच 15 मछली तालाब स्थापित करेगा।
  • मछली किसानों के पहले बैच को आरएएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ठंडे पानी की मछली पालन के तहत नवीनतम एक्वाकल्चर तकनीकों में प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद भेजा जाएगा।
  • आरएएस तकनीक मछली की खेती करने का एक नया तरीका है, जिसके अंतर्गत पानी के जलाशयों, खुले टैंकों, तालाबों और नदियों में मछली पालन की पारंपरिक विधि के बजाय नियंत्रित वातावरण में पानी के सीमित उपयोग के साथ इन्डोर टैंकों में मछलियों को पाला जाता है।
  • स्वच्छ पानी की सीमित मात्रा की नियमित आपूर्ति एक नियंत्रित तापमान पर सुनिश्चित की जाती है जो एक बंद और सुव्यवस्थित प्रणाली में विकास के लिए उचित है। यह विधि गर्मियों में पानी की कमी के दौरान राज्य के मछली किसानों के लिए आदर्श है क्योंकि किसान आरएएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अंतर्देशीय मत्स्यपालन के माध्यम से पानी के कम उपयोग के साथ अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
  • कुल 15 मछली फार्मों में से पांच मछली फार्म ऊना, मंडी, कांगड़ा (पालमपुर और पौंग बांध) और सिरमौर जिलों में सामान्य पानी में और दस किन्नौर, सिरमौर, शिमला, मंडी में आरएएस तकनीक के तहत ठंडे पानी के मत्स्य केंद्रों में स्थापित किए जाएंगे।
  • अगले पांच वर्षों के दौरान चंबा और कुल्लू जिलों में एकीकृत और समग्र रूप से राज्य में मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री युवा निर्माण योजना

  • खेलों के माध्यम से बच्चों में अनुशासन ,स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और शारीरिक -मानसिक मजबूती का संचार होता है। इसी के मद्देनजर प्रदेश सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री युवा निर्माण योजना ” को आरम्भ करने का फैसला लिया है।
  • योजना के अंतर्गत सभी विधानसभा क्षेत्रों में दो बहु-उद्देशीय स्टेडियम निर्मित किए जाएंगे , जिसमें प्रत्येक स्टेडियम केनिर्माण पर 15 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे।
  • यह योजना इस पर्वतीय प्रदेश की खेल प्रतिभा उभारने के लिए एक दूरदर्शी निर्णय साबित होगा। इस योजना से प्रदेश के खिलाडियों को खेल सबंधी सुविधाएं सुलभ हो पाएंगी जिसमें वे अधिक से अधिक समय अपने अभ्यास पर लगाकर प्रदेश का नाम रोशन कर पाएंगे।
  • इस अभिनव पहल से प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए दो-दो बड़े बहु उद्देशीय मैदान बनाए जाएंगे।
  • ये फूटबाल मैदान के आकार के होंगे। युवा खिलाडियों की मुख्य आवशयताओं में से एक व्यायामशाला की सुविधा भी इन मैदानों के परिसरों में ही उपलब्ध करवाई जाएगी।

अमृत योजना की राष्ट्रिय रैंकिंग में हिमाचल 15 वें स्थान पर

  • अमृत योजना की राष्ट्रिय रैंकिंग में हिमाचल 15 वें स्थान पर रहा। पिछली बार हिमाचल को 21 वां स्थान मिला था।
  • इस योजना के तहत हिमाचल में 13,003 नए घरेलू पेयजल कनेक्शन के लक्ष्य के मुकाबले 17,600 से अधिक नए कनेक्शन दिए गए।
  • हिमाचल ने अब तक 23006 के लक्ष्य के मुकाबले 26034 सीवर कनेक्शन दिए। हिमाचल में 51793 घरों को सेप्टेज प्रबंधन के तहत कवर किया गया है।
  • हिमाचल ने 9621 स्ट्रीट लाइटों को एलईडी लाइटों में बदलने के लक्ष्य की तुलना में 12186 लाइटें लगाई।

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