हिमाचल प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं : हिमाचल प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं और अनाथ बच्चों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं शुरू की है। यहाँ कुछ योजनाओं का उल्लेख किया गया है :-
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना :
पात्र : 0-27 आयु वर्ग के सभी अनाथ, परित्यक्त, निराश्रित एवं ट्रांसजेंडर वार्षिक आय 5 लाख से कम
लाभ : 0-27 आयु वर्ग के पात्र बच्चों/व्यक्तियों को उच्च शिक्षा, व्यावसायिक कौशल विकास, भवन निर्माण के लिए 3 विस्वा भूमि एवं अनुदान, विवाह अनुदान, लघू / सूक्ष्म उद्योग हेतू अनुदान व सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान। योजना से सम्बन्धित जानकारी हेतू WCD के DPO, CDPO से सम्पर्क करें।
इंदिरा गाँधी सुख शिक्षा योजेना :
पात्रताः विचवा, तलाकशुदा, परित्यक्त, निराश्रित महिलाओं के बच्चे, दिव्यांग माता-पिता के बच्चे
आय: 0-27 वर्ष के बच्चे। वार्षिक आय: 1 लाख रुपये से कम
लाभ : 0-18 आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को हर महीने 1000/- रूपये पौष्टिक आहार के लिए ।
18-27 आयु वर्ग के पात्र को हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी संस्थानों में मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी।
होस्टल और मेस शुल्क : यदि होस्टल उपलब्ध नहीं है, तो पीजी शुल्क 3000/- रूपये प्रति माह दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना :
इस योजना का मकसद, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को मातृत्व लाभ देने हेतु, पहले जीवित बच्चे के लिए 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दो किस्तों में दी जाती है। अगर दूसरा बच्चा भी लड़की है, तो जन्म के बाद 6,000 रुपये की धनराशि दी जाती है, इस योजना के तहत, सभी आय वर्ग की गर्भवती महिलाएं पात्र हैं।
मुख्यमंत्री शगुन योजना :
बी०पी०एल० परिवारों की लड़कियों के विवाह के लिए मु0 31,000/- रूपये की आर्थिक सहायता ।
बेटी है अनमोल योजना : बी०पी०एल० परिवारों में जन्मी बेटियों को मु0 21000 रूपये की आर्थिक सहायता ।
मख्यमंत्री कन्यादान योजना :
बेसहारा लड़कियों को, जिसके पिता जीवित नहीं है या फिर किसी गम्भीर बिमारी के कारण बेड रीडन है तथा आजीविका कमाने में असमर्थ हैं, तलाकशुद्धा महिलाओं एवं उनकी लड़कियों को 51000/- रूपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान ।
विधवा पुनर्विवाह योजना : विधवाओं को पुनर्विवाह के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से दम्पत्ति को हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से 2 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान ।
वो दिन योजना :
मासिक धर्म कोई अभिशाप नहीं है, यह प्रकृति का उपहार है। इसलिए माता के साथ-साथ पिता का भी दायित्व है कि वे बेटियों को मासिक धर्म के प्रति जागरूक बनाएं, खुलकर बात करें और इसे सहजता से स्वीकार करने का माहौल दें। सही मार्गदर्शन और सहयोग से न केवल उनकी स्वच्छता सुनिश्चित करें बल्कि आत्मविश्वास और स्वास्थ्य की नींव भी मजबूत करें।
महिलाओं को स्वयं रोजगार सहायता :
ऐसी महिलाएं जिनकी वार्षिक आय मु० 50,000/- रुपये से अधिक न हो, को स्वयं रोजगार कार्य के लिए मु० 5000/- रुपये का अनुदान
महिला हेल्पलाईन -181 : हिंसा से पीड़ित या कोई अन्य महिला, आपातकालीन एवं अन्य परिस्थितियों में पुलिस, एम्बुलेस एवं परामर्श आदि हेतू (महिला हेल्पलाईन नम्बर- 181) पर सम्पर्क कर सकती है।
वन स्टॉप सेंटर :
हिंसा से प्रभावित या संकट में पड़ी महिलाओं को एक छत के नीचे निजी और सार्वजनिक स्थानों में चिकित्सा, कानूनी, अस्थायी आश्रय, पुलिस सहित कई सेवाओं तक तत्काल, आपातकालीन और गैर-आपातकालीन पहुंच की सुविधा प्रदान करने हेतु प्रत्येक जिले में एक वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया है।
शक्ति सदन योजना :
इस योजना के अन्तर्गत सामाजिक एवं आर्थिक सहायता के बिना संकट/कठिन परिस्थितियों में रह रही महिलाओं को आवास, भोजन एवं देखभाल आदि सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश के मण्डी जिला में शक्ति सदन स्थापित किया गया है।
सखी निवासः
अपने घरों से दूर रहने वाली कामकाजी महिलाओं को सस्ता एवं सुरक्षित आवास उपलब्ध करवाना है। वर्तमान में विभिन्न जिलों में सात सखी निवास अर्थात शिमला (संजौली और य०एस० क्लब में), सोलन (सोलन और परवाणू में), कांगड़ा (कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में) बिलासपुर, और कुल्लू में गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से सात कामकाजी महिला छात्रावास चलाएं जा रहे हैं।
कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 : यौन उत्पीड़न के खीलाफ शिकायत करने के लिए She Box पोर्टल का इस्तेमाल करें, इस पोर्टल पर शिकायत करने वाली महिला का नाम गोपनीय रखा जाता है।
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