भारतीय राजव्यवस्था संविधान निर्माण , संविधान समितियां
इण्डिया अर्थात् भारत राज्यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कतिपय एकात्मक विशिष्टताओं सहित संघीय हो। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है।
भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय संसद की परिषद में राष्ट्रपति तथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्य सभा) तथा लोगों का सदन (लोक सभा) के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधान मंत्री होगा, राष्ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है. Source
संविधान निर्माण से संबधित जानकारी :
1.संविधान का निर्माण देश के प्रत्येक प्रान्त से चुने गए प्रतिनिधियों की संविधान की संविधान सभा द्वारा किया गया।
2.संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतो मे से, 93 देशी रियासतो मे से चुने गए थेतथा 4 कमिश्नरी क्षेत्रों दिल्ली ,अजमेर-मारवाड़, कुर्ग एवं ब्रिटिश बलूचिस्तान से थे ।
3.प्रत्येक प्रांत को सीटों को जनसंख्या के अनुपात के आधार पर तीन प्रमुख समुदायों -मुस्लिम ,सिख और सामान्य में बांटा गया।
4.भारतीय संविधान निर्माण में 2 वर्ष , 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
5.संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर, 1946 को हुई थी।
6.सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
7.मुस्लिम लीग ने संविधान सभा की पहली बैठक का बहिष्कार किया था।
8.11 दिसंबर, 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
9.13 दिसंबर, 1946 को पण्डित जवाहरलाल नेहरु ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव (Objective Resolution) प्रस्तुत किया।
10.उद्देश्य प्रस्ताव को संविधान के रूप में परिष्कृत करने के लिए विभिन्न विषयों से संबंधित समितियों का गठन किया गया ,जिनमे सबसे प्रमुख डॉ भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यों वाली प्रारूप समिति थी।
11.प्रारूप समिति में डॉ अम्बेडकर के अतिरिक्त एन गोपालस्वामी आयंगर , अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर , के एम मुंशी , मोहम्मद सादुल्लाह ,डी पी खेतान (1948 में इनकी मृत्यु के पश्चात टी टी कृष्णामाचारी नियुक्त ) और एन माधवराव ( बी एल मित्र के स्थान पर नियुक्त ) अन्य सदस्य थे।
12.डॉ. बी. आर. अंबेडकर संविधान सभा सभा के सदस्य समिति के लिए बंगाल से निर्वाचित हुए थे।
13.26 नवम्बर , 1949 को भारतीय संविधान अंगीकृत किया गया था , जिस पर 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए।
14.संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को हुई और उसी दिन संविधान सभा द्वारा डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।
15.26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया , क्योंकि 1930 से ही 26 जनवरी का दिन सम्पूर्ण भारत में स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाता था, इसलिए 26 जनवरी , 1950 को प्रथम गणतंत्र दिवस मनाया गया।
16.डॉ भीम राव अम्बेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है।
संविधान समितियाँ
समितियाँ | अध्यक्ष |
प्रारूप | डॉ बी आर आंबेडकर |
कार्य संचालन | के एम् मुंशी |
संघ संविधान , संघ शक्ति | पंडित जवाहर लाल नेहरू |
मूल अधिकार , अल्प संख्यक , प्रांतीय संविधान | सरदार वल्लभ भाई पटेल |
प्रक्रिया ,बार्ता ,तदर्थ ,झण्डा समिति | डॉ राजेंद्र प्रसाद |
अल्पसंख्यक उपसमिति | एच सी मुखर्जी |
सदन समिति | पी पट्टाभि सीतारमैया |
वित्त एवं स्टाफ समिति | ए एन सिन्हा |
भारतीय राजव्यवस्था संविधान निर्माण , संविधान समितियां
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