Brief Geography of District Chamba -HP
चम्बा
मुख्यालय : चम्बा (समुद्रतल से ऊँचाई – 1006 मीटर)
भाषाएं – चम्बयाली व हिंदी
कुल क्षेत्रफल – 6528 वर्ग किलोमीटर
जिला चम्बा 32°10 व 33°13 उतरी आक्षांश तथा 75° 45 व 77° 33 पूर्वी देशांतार के मध्य स्थित है। अधिकांशत: इस जिला का भू-भाग उच्च हिमालय क्षेत्र तथा कुछ शिवालिक घाटी क्षेत्र को भी है। शिवालिक क्षेत्र के साथ ही पंजाब के पहाड़ी मैदान हैं। इस जिला की सीमाएं उतर पश्चिम व । पश्चिम में जम्मू काश्मीर, उतर पूर्व में जम्मू ‘काश्मीर का लद्वाख, लाहुल व बड़ा बंगाहल, पूर्व व | दक्षिण पूर्व में कांगड़ा तथा दक्षिण में पंजाब का गुरदासपुर जिला स्थित है ।
जिला चम्बा का सारा मूमाग पहाड़ी है जहाँ समुद्रतल से ऊँचाई 610 मीटर (2000 फट) से 6400 मीटर (21000 फीट) के मध्य पाई जाती है। इस जिले की
पर्वत श्रृंखलाँएं (MOUNTAIN SYSTEM)
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हाथी धार (हिम रहित खंड़):
इस खंड़ का उच्चतम बिंदु 5256 फीट (1615 मीटर) है। हाथी धार शिवालिक श्रृंखला के भीतरी भाग में स्थापित क्षेत्र है जिसका विस्तार कांगड़ा जिला के रेहलू स्थान से प्रारम्भ होकर लगभग रावी तक जाता है। चम्बा हिमाचल प्रदेश का सुदूर उत्तर-पश्चिमी जिला है। इस भू -खंड की तीन प्रमुख घाटिया है- ब्यास घाटी, रावी या चम्बा घाटी, चिनाव घाटी या पांगी-चम्बा लाहुल घाटी।
पांगी श्रृंखलाः
जिस पर्वत श्रृखंला को भू-गर्ववेता ‘पीरपंजाल’ कहते हैं, सामान्य जन उसे पांगी श्रृंखला के नाम से पुकारते हैं। यह खंड मुख्य हिमालय परिधि की निरंतरता को दर्शाता है जो पर्व में बुशहर के पास से शुरू होती है। कुल्लु से लाहौल को अलग करती हुई यह श्रृंखला बड़ा बंगाहल की सीमा पर चम्बा में प्रवेश करती है और लगभग 60 मील का विस्तार बनाती है। यह श्रृंखला चम्बा जिला को दो असमान भागों में बांटती है। पांगी पर्वत श्रृंखला द्वितीय पर्वत अवरोध के रूप में स्थित है जिसकी कई ऊँची उठती हुई चोटियाँ 19000 फूट से भी ऊँची है
दागानीधारः
यह एक छोटी श्रृंखला है जिसकी शुरुआत पांगी श्रृंखला से होती है जहाँ यह जम्मू क्षेत्र में प्रवेश करती है। दांगीधार चम्बा और जम्मू के भादरवाह के बीच सीमा बनाती है। इस धार की सूदुर पश्चिमी शाखा चतर धार के साथ सम्पर्क बनाती है, यहाँ पर दो प्रसिद्ध दर्रे पादरी व ‘चतरधार” हैं। पांगी और दागानीधार पर्वत श्रृंखला कठोर भूरी चट्टानों तथा गहरी काली स्लेट और बलैनी श्रेणी की भू-संरचना का सम्मिश्रण है।
जांस्कर श्रृंखला:
हिमाचल प्रदेश के उतरी खंड़ में आतंरिक हिमालय या जाँस्कर श्रृंखला है जो मुख्य हिमालय परिधि का एक हिस्सा है। उतर-पूर्व दिशा में सतलुज नदी से विग्रह होकर यह श्रृंखला उतर-पश्चिमी दिशा की ओर बढ़ती हुई लद्वाख को लाहुल स्पिति से अलग करती है। यहाँ यह पर्वत श्रृंखला थोड़े से भाग में चम्बा सीमा को छूकर उतरी सीमा पर चम्बा लाहुल को जांस्कर हिमालय से अलग करते हुए सूदुर पश्चिम में काशमीर घाटी के साथ उतरी सीमा बनाती है। इस श्रृंखला की चोटी की औसतन ऊँचाई 18000 फुट है।
दर्रे :
बसोदन , जालसू , साच , कुगति ,दराती
नदियाँ :
चिनाव नदी थिरोट से चम्बा में प्रवेश करती है और संसारी नाला से चम्बा से निकलकर जम्मू कश्मीर में प्रवेश करती है। रावी नदी बड़ा भंगाल से निकलती है। रावी नदी खेड़ी नामक स्थान से चम्बा छोड़कर जम्मू कश्मीर में प्रवेश करती है। बुढहल ,बैरा खड्ड , स्यूल नदी रावी नदी की सहायक नदियाँ है
घाटियाँ :
पांगी , रावी , भटियात , सिहुंता। भटियात और सिहुंता घाटियाँ चम्बा जिले की सबसे उपजाऊ घाटियाँ है।
पांगी घाटी :
पांगी घाटी चिनाब नदी के किनारे पर स्थित है जो पीरपंजाल और बृहद हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के पर्वत पृष्ठों को काटती है। यह घाटी पश्चिमी हिमालय की अति सुन्दर व् आकर्षित कर देने वाली घाटी है। पांगी घाटी दक्षिण पूर्व से उत्तर पश्चिम की ओर कश्मीर की पीरपंजाल श्रृंखला से जुड़ी है। इसकी समुद्रतल से ऊँचाई 18000 फुट से 19000 फुट तक है। पांगी घाटी में चिनाब नदी का विस्तार लगभग 80 किलोमीटर है , जहां इस नदी के साथ कई छोटे छोटे नाले दोनों ओर से आ कर मिलते हैं।
झीलें :
मणिमहेश , गड़ासरु ,खजियार, लामा झील , महाकाली झील।
वन्यजीव अभ्यारण्य :
गांगुल , कुगटी, सेंचू तुआ नाला , तुंडाह , कालाटोप खजियार।
चोटियाँ :
बड़ा खड़ा , कैलाश , तामसर ,गौरी देवी टिब्बा , नरसिंह टिब्बा।
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