Brief Geography of District Kinnaur – HP
जिला किनौर
मुख्यालय : रिकांगपिओ (समुद्रतल से ऊंचाई – 2290 मीटर )
भाषाएँ -किनौरी (हमस्कद ) संगनौर ,जांगियांम ,सुमिचो इत्यादि
कुल क्षेत्रफल -6,553 वर्ग किलोमीटर
भौगोलिक स्थिति :
किनौर सतलुज नदी के दोनों तटों पर स्थित है। यह जिला हिमाचल प्रदेश के पूर्व में स्थित है। यह 31 °55’50” से 32 °05’15” उत्तरी अक्षांश और 77 °45′ से 79 °04 ’35” पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। किनौर के पूर्व में तिब्बत स्थित है। जान्सकर पर्वत श्रृंखला किनौर और तिब्बत के बीच सीमा का निर्धारण करता है । दक्षिण और दक्षिण पूर्व में उतराखंड का उत्तर काशी जिला पड़ता है।
किन्नौर के उत्तर तथा उत्तर पश्चिम में हिमाचल प्रदेश का ही लाहौल-स्पिति जिला पड़ता है। दक्षिण पश्चिम में शिमला जिला पड़ता है जबकि पश्चिम में कुल्लू जिले का थोड़ा सा भू-भाग भी किन्नौर के साथ लगता है। महासू जिले की चिनी तहसील में उसी जिले की रामपुर तहसील के चौदह गांवों को जोड़कर 1 मई, 1960 को एक स्वतंत्र जिले किन्नौर का प्रादुर्भाव हुआ।
पर्वत श्रेणियां :-
इस क्षेत्र में से तीन पर्वत श्रृंखलाएं अर्थात् जांस्कर, महान हिमालय और धौलाधार लगभग समानान्तर रूप से गुजरती हैं। जांस्कर पर्वत का श्रंग ही किन्नौर और तिब्वत के बीच सीमा खींचता है। महान हिमालय, जनपद के उत्तर पश्चिमी भाग में प्रवेश पाकर दक्षिणी पूर्वी भाग में से लांघते चले जाते हैं। ये पर्वत इस क्षेत्र को क्रमवत दो भागों में विभाजित भी करते हैं धौलाधार का श्रृंग ही किन्नौर की दक्षिण सीमा बनाता है।
किनौर की दो सर्वोच्च पर्वत चोटियां लियो पारजियोल (6,770) और पारसला (6,608) जांस्कर पर्वत क्रम में ही स्थित है। किन्नर कैलाश अथवा रालदांग कैलाश पर्वत चोटी महान हिमालय में सतलुज नदी के बाएं तट पर स्थित है। धौलाधार की चोटियाँ अपेक्षतया कम ऊँची है जिनकी ऊंचाई 4,877 मीटर से 5,979 मीटर के बीच है।
नदी घाटियां :-
सतलुज घाटी: –
सतलुज घाटी किनौर की सबसे बड़ी घाटी है। सतलुज नदी का जितना भी भाग किनौर में पड़ता है वह बहुत ही तंग है। तारंडा ,वांगतू और रोगी के निकट नदी के किनारे इतने ऊँचे और तीव्र ढाल वाले हैं कि वे खड़ी दीवार के समान दिखते है।
हंगरांग घाटी :-
ली अथवा स्पीति नदी की घाटी हंगरांग घाटी कहलाती है। स्पीति नदी का 32 किलोमीटर मार्ग किनौर में पड़ता है। हंगरांग एक कटक का भी नाम है जो स्पीति घाटी को किनौर के अन्य क्षेत्र से पृथक करती है। समस्त किनौर में सबसे अधिक बंजर ,वीरान और वृक्षहीन भाग हांगरांग घाटी ही है।
रोपा घाटी :-
रोपा घाटी पूह से पहले बाएं हाथ में स्थित है। यह रोपा नदी की घाटी है। सुनम इस घाटी का महत्वपूर्ण गांव है।
बस्पा घाटी:
बस्पा नदी की बस्पा घाटी ,वादी के प्रमुख गाँव सांगला के नाम पर सांगला घाटी भी कहलाती है। यह समस्त किनौर में सबसे सुन्दर और रमणीय घाटी है। यह घाटी सापेक्षतया चौड़ी है।
तिदोंग घाटी: –
भीमकाय चट्टानों ,वीरानगी और बंजरपन के कारण यह घाटी शेष सभी घाटियों से अलग ही दृश्य प्रस्तुत करती है। किनौर क्षेत्र के दूर दराज के अकेले पड़े तीन गांव ठंगी ,कुनु और चारांग इसी घाटी में स्थित है। तिरुंग नदी इस वादी में बहती है।
भाभा घाटी: –
भाभा घाटी में भाभा नदी बहती है। जिसे स्थानीय तौर पर वांगेर भी कहा जाता है। जिले भर का सबसे बड़ा गांव भाभा इसी घाटी में स्थित है। भाभा नदी पर संजय गाँधी विद्युत् परियोजना स्थापित है।
प्रमुख नदियां :-
सतलुज :
सतलुज हिमालय के उत्तर में स्थित मानसरोवर के समीप से निकलकर तिब्बत में बहती हुई शिपकी ला के स्थान पर जांस्कर पर्वत श्रृंखला को पार करते हुए किनौर में प्रविष्ट होती है। इस का किनौर का रास्ता 140 किलोमीटर लम्बा है। इस नदी में दाएं किनारे पर स्पीति , रोपा ,काशांग ,मुलगुन ,यूला ,वांगर ,शोरंग और रूपी नदियों का स्वागत करती है। बाएं किनारे पर तिरुंग ,ज्ञान थिंग ,बस्पा ,दलिंग और सोलडंग नदियां सतलुज में स्थान -स्थान पर प्रवेश पाती है।
स्पीति:
इसका उदगम स्थल उस पर्वत श्रेणी पर स्थित है जो लाहौल और स्पीति के बीच विभाजक रेखा का कार्य करती है। इस नदी का मात्र 32 किलोमीटर मार्ग किनौर में पड़ता है। नदी मार्ग का शेष ऊपरी भाग लाहौल स्पीति जिले में पड़ता है। खाब स्थान पर यह सतलुज में समाहित हो जाती है।
बस्पा नदी: –
बस्पा नदी धौलाधार के उत्तर पूर्वी ढाल से निकलती है। इस नदी का सम्पूर्ण 72 किलोमीटर लम्बा मार्ग किनौर में ही पड़ता है। कड़छम स्थान पर यह सतलुज नदी में मिल जाती है। भाभा और सुरची सरिताएं मिलकर वांगरे नदी बनाती है। इसका नदी मार्ग ग्रेनाइट शैलों द्वारा निर्मित है। ये शैल घुलनशील नहीं होती। अत: इसका जल साफ होता है।
झीलें :-
नाको झील- यह हांगरांग तहसील में स्थित है।
सोरंग झील – यह निचार तहसील में स्थित है
झरने :- नटपा ,टापरी , जोकटीरिंग।
जलवायु :- जिले के अधिकतर भाग पर जलवायु शीतप्रधान एवं शुष्क है। शीतकाल लम्बा (अक्टूबर से मार्च ) और ग्रीष्म काल छोटा होता है।
वनस्पति :- किनौर में कैल ,देवदार ,स्नोवर (स्प्रूस ), अखरोट ,कुटिमदारु (भैंपल ), पिंगल फल (हेजलनट ) आदि के बृक्ष मिलते है। नियोजा बृक्ष पुरे देश में केवल किनौर में पाया जाता है।
मृदा :
किनौर में कियार क,बाखल और कराली तीन प्रकार की मिट्टी मिलती है। इनके नाम स्थानीय है। कियार वह दोमट मृदा है जो धान के खेतों में मिलती है। घरों के आस पास बाखल मिट्टी मिलती है। यह काम उपजाऊ होती है। कराली उन खेतों की मृदा है जहाँ कभी वन हुआ करते थे अर्थात वनो को साफ करके जो खेत बनाए गए है उनमे इस प्रकार की मिट्टी पायी जाती है।
Brief Geography of District Kinnaur – HP
Read Also : Brief Geography of District Hamirpur
Read Also : HP Current Affairs
- IBPS CRP Clerk XIV Recruitment 2024 – Apply Online
- HPU Shimla All Notification -01 July 2024
- Punjab National Bank Apprentices Recruitment 2024 -Apply Online
- HPAS Preliminary Exam 2024 Paper -1 Question Paper Pdf
- BBMB Sundernagar TGT, LT, Shastri & Other Posts Recruitment 2024