Chamba Sevak Sangh | चम्बा सेवक संघ
- मार्च 1936 में चम्बा रियासत में कुछ लोगों ने “चम्बा सेवक संघ’ नाम से एक संस्था का गठन किया।
- बाद में यह संस्था राजनैतिक संगठन में बदल गई।
- अतः सरकार ने इस संघ पर प्रतिबन्ध लगा दिया।
- परिणामस्वरूप संघ ने अपनी गतिविधियों का केन्द्र डलहौजी बना लिया।
- उधर चम्बा रियासत के प्रजा मण्डल ने मांग की कि रियासत में लोकप्रिय सरकार बना दी जाए। प्रजा मण्डल कार्यकर्ताओं ने परिवारवाद के विरुद्ध भी आवाज उठाई।
- उनका यह कहना था कि रियासत के दीवान ने सारे अधिकार अपने हाथ में ले रखे हैं।
- इसके परिणामस्वरूप जब आदोलन ने जोर पकड़ा तो कई व्यक्तियों को पकड़ लिया गया।
- गाँधी जी ने अहिंसा से आंदोलन चलाने के लिए कहा। अंग्रेजी के समाचार पत्र “वी ट्रिब्यून” ने सम्पादकीय में लिखा “सोये हुए चम्बा में भी जागृति आ गई है।
- लोकतान्त्रिक विचार पहाड़ी अवरोध को पार करके रियासत के लोगों के पास पहुंचे हैं और वे उत्तरदायी सरकार के लिए माँग कर रहे हैं।’
Chamba Sevak Sangh | चम्बा सेवक संघ
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