Economic Survey of Himachal Pradesh 2019-20

Economic Survey of Himachal Pradesh 2019-20: Overview

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  • वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य की अर्थव्यवस्था के 5.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की सम्भावना है।
Economic Survey of Himachal Pradesh 2019-20
  • द्वितीय संशोधित अनुमानों के अनुसार, राज्य सकल घरेलू उत्पाद(SGDP ) ,प्रचलित भावों पर वर्ष 2017-18 में 1,38,351 रूपए करोड़ से 11.2प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्ष 2018-19 में 1,53,845 करोड़ रूपए रहने का अनुमान है ।
  • स्थिर भाव (2011-12) पर वर्ष 2017-18 में 1,10,034 करोड़ रूपए से 7.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्ष 2018-19 में 1,17,851 करोड़ रूपए रहा ,जो कि गत वर्ष में 6.8 प्रतिशत थी।
  • सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि मुख्यत सामुदायिक व वैयैक्तिक सेवाओं 13.3 प्रतिशत,वित्तीय व स्थावर सम्पदा में 7.3 प्रतिशत , यातायात व व्यापार 4.6 प्रतिशत ,विनिर्माण क्षेत्र 8.2 प्रतिशत , निर्माण 8.0 प्रतिशत तथा विद्यूत , गैस व जलापूर्ति 7.3 प्रतिशत के कारण सम्भव हुई है ,जबकि प्राथमिक क्षेत्र में 1.7 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि रही ।
  • खाद्य उत्पादन वर्ष 2017-18 में 15.81 लाख मी. टन रहा से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 16.92 लाख मी. टन रहा जबकि वर्ष 2019-20 में 16.36 लाख मी. टन का लक्ष्य है । फल उत्पादन वर्ष 2018-19 में 12.4 प्रतिशत की कमी के साथ 4.95 लाख मी.टन रहा जोकि वर्ष 2017-18 में 5.65 लाख मी. टन था तथा वर्ष 2019-20 में (दिसंबर,2019) तक उत्पादन लगभग दोगुना 7.07 लाख मी टन है ।
  • वर्ष 2017 -18 में प्रति व्यक्ति आय प्रचलित भाव पर 1,65,025 से बढ़कर प्रथम संशोधित अनुमानों अनुसार वर्ष 2018 -19 में 1,83,108 रूपए हो गई जोकि 11. 0 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है ।
  • अग्रिम अनुमानों के अनुसार तथा दिसंबर,2019 की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत वर्ष 2019-20 में विकास दर 5. 6 प्रतिशत रहने की सम्भावना है ।
Economic Survey of Himachal Pradesh 2019-20
  • प्रदेश की अर्थव्यवस्था जोकि मुख्यत: कृषि व संबधित क्षेत्रों पर ही निर्भर है। अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र से उद्योग व सेवा क्षेत्रों के पक्ष में रुझान पाया गया क्योंकि कृषि क्षेत्र का कुल राज्य घरेलु उत्पाद में योगदान जो वर्ष 1950 -51 में 57.9 प्रतिशत था तथा यह घटकर 1967-68 में 55.5 प्रतिशत था l 1990-91 में 26.5 प्रतिशत और 2018-19 में 8.4 प्रतिशत रह गया है ।
  • उद्योग व सेवा क्षेत्रों का प्रतिशत योगदान 1950-51 में क्रमश: 1.1 व 5.9 प्रतिशत से वढ़कर 1967-68 में 5.6 व 12.4 प्रतिशत ,1990-91 में 9.4 व 19.8 प्रतिशत और 2018 -19 में 29.8 व 44.0 प्रतिशत हो गया । शेष क्षेत्रों में 1950-51 के 35.1 प्रतिशत की तुलना में 2018-19 में घटकर 26.2 प्रतिशत रह गया ।
  • वर्ष 2019-20 में (दिसंबर 2019 तक ) 7.07 लाख टन फलों का उत्पादन हुआ । इस वर्ष 1950 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र फलों के अधीन लाने का लक्ष्य है जबकि दिसंबर ,2019 तक 2113 हेक्टेयर क्षेत्र फलों के अधीन लाया जा चुका है तथा इसी अवधि में 5.28 लाख विभिन्न प्रजातियों के फलों के पौधों का वितरण किया गया । प्रदेश में बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में भी बृद्धि हुई है । वर्ष 2018-19 में 17.22 लाख टन सब्जी उत्पादन हुआ जबकि वर्ष 2017-18 में 16.92 लाख टन का उत्पादन हुआ था जो कि 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है । वर्ष 2019-20 में बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन 16.56 लाख टन होने का अनुमान है ।
  • हिमाचल प्रदेश सरकार मौसम परिवर्तन से तालमेल बिठाने हेतु महत्वकांक्षी योजना पर काम कर रही है । राज्य की कार्य योजना में मौसम परिवर्तन से संबधिंत संस्थागत क्षमता का सृजन तथा क्षेत्रवार गतिविधियों को अमल में लाना है ।
  • प्रदेश की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की आवश्यकता को देखते हुए सरकार ने राज्य में निरंतर निर्बाध विद्युत् की आपूर्ति। विद्युत् उत्पादन, संचारण तथा वितरण को बढ़ाने हेतु महत्वपूर्ण पग उठाये गए हैं। ऊर्जा संसाधन के रूप में जलविद्युत आर्थिक रूप से व्यावहारिक ,प्रदूषण रहित तथा पर्यावरण के अनुकल है। इस क्षेत्र के पुनर्गठन के लिए राज्य की विधुत नीति सभी पहलुओं जैसे कि अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन, सरंक्षण की दक्षता, उपलब्धता, वहन करने योग्य, दक्षता, पर्यावरण सरंक्षण व प्रदेश के लोगों को रोजगार सुनिश्चित करने पर जोर देती है और निजी क्षेत्रों के योगदान को भी प्रोत्साहित करती है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा प्रदेशवासी निवेशकों के लिए केवल (2 मेगावाट तक के ) लघु परियोजनाओं को आरक्षित रखा गया है और 5 मैगाबाट की परियोजनाओं तक उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।
  • पर्यटन, अर्थव्यवस्था की बृद्धि का एक प्रमुख साधन है तथा राजस्व प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है तथा विविध प्रकार के रोजगारों का जनक है। राज्य सरकार ने पर्यटन विकास के लिए उपयुक्त आधारभूत सुविधाओं का प्रावधान,सड़क मार्ग, दूरसंचार तंत्र, विमानपत्तन, यातायात सुविधाएँ, जलापूर्ति तथा नागरिक सुविधाएं इत्यादि उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके परिणाम स्वरूप उच्च -स्तरीय प्रचार से घरेलू तथा विदेशी पर्यटकों के आगमन में पिछले कुछ वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है जिसका विवरण निम्न दिया है:-
Economic Survey of Himachal Pradesh 2019-20
  • वर्ष 2020-21 की वार्षिक योजना 7900.00 करोड़ रूपए की निर्धारित की गई है जोकि वर्ष 2019-20 से 11.3 प्रतिशत अधिक है।
  • मूल्य नियंत्रण सरकार की हमेशा प्रमुखता सूची में रहा है। हिमाचल प्रदेश श्रमिक वर्ग उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति वर्ष 2019-20 (दिसंबर,2019 ) में 4.7 प्रतिशत रहा।
  • सामाजिक कल्याण कार्यक्रम राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता रही है। लोक सेवाओं के संचालन हेतु सरकार द्वारा लगातार एवं ठोस प्रयास किए जा रहे है।
  • राज्य सरकार की सामाजिक कल्याण पुनरुत्थान के अंतर्गत मुख्य उपलब्धियां :-
  • शिखर की ओर हिमाचल : राज्य सरकार के कार्यकलापों को समझने /जानने के लिए मोबाइल एप “शिखर की ओर हिमाचल ” शुरू की गई।
  • माय गॉव पोर्टल : जन भागीदारी द्वारा प्रगति और उन्नति के लिए “माय गॉव पोर्टल ” की शुरुआत की गई।
  • हिमाचल प्रदेश मेधा प्रोत्साहन योजना : सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में 12वीं व स्नातक स्तर के विद्यार्थिओं को 1 लाख रूपए की सहायता राशि दी जा रही है ।
  • हिमाचल प्रदेश एकल उपयोग प्लास्टिक खरीद योजना: महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती पर 2019 में एकल उपयोग में प्रयोग होने वाले प्लास्टिक व पुनर्चक्रित न होने वाले बेकार पदार्थो के उन्नमूलन के लिए लागू की गई तथा 75 रूपए प्रति किलो के हिसाब से पुन: खरीद योजना लागू की गई।
  • मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन (डायल 1100 ): लोगों की समस्याओं का समाधान करने और मुख्यमंत्री से सीधे संवाद हेतु ई-मेल आई डी cmoffice-hp@gov.in मुफ्त सुविधा प्रारम्भ की गई।
  • हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना: (हिमकेयर ) इस योजना के तहत 5.50 लाख परिवारों को पंजीकृत किया गया है तथा 54,282 लाभार्थिओं ने कैशलेस उपचार का लाभ उठाया है।
  • हिमाचल गृहणी सुविधा योजना: इस योजना के तहत वर्ष 2018-19 व दिसंबर,2019 तक 2,64,115 कनेक्शन वितरित किए गए।
  • बेटी है अनमोल योजना: यह योजना, बेटियों के जन्म से जुड़े समाज, में फैले नकारात्मक रवैये को समाप्त करने व उन्हें पाठशाला में दाखिला दिलवाने व उन्हें वहां बनाये रखने के उद्देश्य से लाई गई है। इस योजना के अंतर्गत बी. पी एल परिवारों में जन्मी बच्चियों ( दो बच्चियों तक सीमित ) के जन्म पर 1200 रूपए प्रति बालिका की दर से प्रदान किए जाते है तथा पहली कक्षा से स्नातक स्तर की शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत दिसंबर ,2019 तक जन्म लेने वाली 2420 बालिकाओं तथा 17680 बेटियों को छात्रवृतियां प्रदान करने पर 854.73लाख रूपए खर्च किए गए हैं।
  • मदर टेरेसा असहाय मातृ सम्बल योजना :इस योजना के अंतर्गत असहाय व गरीबी रेखा के नीचे की महिलाओं को प्रतिवर्ष प्रति शिशु 6000 रुपए की राशि प्रदान की जा रही है।
  • मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना :युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार ने मशीनों की खरीद पर पुरुष उद्यमी को 25 प्रतिशत तथा महिला उद्यमी को 30 प्रतिशत अनुदान देने का फैसला किया है।
  • मुख़्यमंत्री कन्यादान योजना: इस योजना के अंतर्गत गरीब बेटियों की शादी पर उसके अभिभावकों को 51,000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत दिसंबर, 2019 तक 1,039 लाभार्थियों को 434.10 लाख रूपए खर्च किए जा चुके हैं।
  • मुख्यमंत्री स्टार्ट-अप योजना: इस योजना के तहत प्रदेश के 8 ऊष्मायन केंद्रों में 27 ‘स्टार्ट-अप ‘ आरम्भ किए गए और 3 होनहार उद्यमियों को पुरस्कृत किया गया है तथा उन्हें 3 वर्षों तक निरिक्षण से राहत प्रदान की जायगी।
  • जनमंच योजना: इस योजना की शुरुआत 3 जून 2018 को जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित करने व उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए आयोजित किया जाता है। अब तक 68 विधान सभा क्षेत्रों के 181 जनमंचों को आयोजन किया जा चुका है , जिसमे आज तक 45,708शिकायते प्राप्त हुई , जिनमे से 41,698 (91 प्रतिशत ) शिकायतों का मौके पर ही निवारण किया गया।
  • सामाजिक सुरक्षा योजना : इस योजना के अंतर्गत वृद्धावस्था पेंशन 850 रुपए प्रतिमाह उन पात्र व्यक्तियों को दी जाती है जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक तथा उसकी वार्षिक आय 35000 रुपए से अधिक न हो। इसके अतिरिक्त 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को 1500 रुपए प्रतिमाह पेंशन बिना किसी मापदंड के प्रदान की जा रही है।
  • स्वच्छ भारत अभियान : हिमाचल प्रदेश के शहरी क्षेत्रों को स्वच्छ एवं प्रदुषण मुफ्त वातावरण ठोस अपशिष्ट प्रबंधन रणनीति को अपनाते हुए। शहरों को अपशिष्ट मुफ्त किया जा रहा है।
  • स्मार्ट सिटी अभियान : इस योजना का उद्देश्य मूल अवसरंचना प्रदान करने वाले शहरों को बढ़ावा देना और इसके नागरिकों को स्वच्छ एवं शुद्ध वातावरण तथा स्मार्ट सोलूशन्स के द्वारा अच्छी गुणवत्ता युक्त जीवनयापन प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और शिमला शहर को शामिल किया गया है।
  • हिमाचल प्रदेश नई राशन कार्ड ऑनलाइन योजना: इस योजना के अंतर्गत वह सभी लोग जिनका नाम हिमाचल प्रदेश नई राशन कार्ड सूची में नहीं है तो वह इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए himachalform.nic.in का उपयोग करके ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
  • मुख़्यमंत्री बाल उधार योजना:इस योजना के अंतर्गत बच्चों की देखभाल के लिए “बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना द्वारा दिसंबर 2019 तक 250.62 लाख रूपए की राशि खर्च की जा चुकी है।
  • बाल बालिका सुरक्षा योजना और पालक देखभाल कार्यक्रम योजना :इस योजना के अंतर्गत बच्चों के देखभाल और पालने के लिए उनके अभिभावकों को 2000 रुपए और इसके अतिरिक्त 300 रूपए प्रति माह प्रति बच्चा मंजूर किया गया है और 960 बच्चों को दिसंबर, 2019 तक 248. 70 लाख वितरित किया गया है।
  • महिलाओं के लिए स्वरोजगार सहायता: इस योजना के अंतर्गत 35,000 रूपए से कम वार्षिक आय वाली महिलाओं द्वारा आय सृजन की गतिविधियों के लिए 5000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है और दिसंबर, 2019 तक 104 महिलाओं को 5.20 लाख की राशि प्रदान की गई।
  • विशेष महिला उत्थान योजना: यह योजना ऊना जिले में शारीरिक व यौन दुर्व्यवहार पीड़ित महिलाओं के प्रशिक्षण और पुनर्वास लिए है और 112 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान के साथ प्रत्येक प्रशिक्षु को प्रतिमाह 3000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है।
  • सक्षम गुड़िया बोर्ड हिमाचल प्रदेश:इस योजना के अंतर्गत सक्षम गुड़िया बोर्ड का गठन बालिकाओं/किशोरी बालिकाओं के विरुद्ध ,अपराध ,सुरक्षा उत्थान और अपराध के सरंक्षण के लिए नीति की सिफारिश करने के लिए किया गया है।
  • एक बूटा बेटी के नाम : इस योजना के अंतर्गत लोगों को बेटियों के महत्व और वन सरंक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत एक पौधा/एक पौधा किट कन्या के जन्म के समय माता-पिता को प्रदान किया जाएगा।
  • उत्तम पशु पुरस्कार योजना :इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा किसानो (पशुपालकों ) को अधिक दूध उत्पादन के लिए प्रोत्साहन किया जा रहा है और किसानो को एक दिन में 15 लीटर करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा
  • प्रति व्यक्ति आय : राज्य में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2018-19 में वर्ष 2017-18 से 11 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1,83,108 रुपए हो गई तथा वर्ष 2019-20 में इसके 1,95,255रुपए होने का अनुमान है।
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना: इस योजना के अंतर्गत 2.0 हेक्टेयर से कम भूमि वाले किसान को प्रतिवर्ष 6000 रुपए दिए जा रहे है।
  • आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जान आरोग्य योजना: इस योजना अंतर्गत 3.08 लाख परिवारों को स्वर्ण कार्ड मिले हैं और 43,813रोगियों ने कैशलेस उपचार का लाभ उठाया है।
  • जन धन योजना : यह योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के प्रत्येक भारतीयको बैंकिंग की मुख्यधारा से जोड़ने की है। यह खाताधारकों की वित्तीय जरूरतों के साथ-साथ केंद्र सरकार के सामाजिक सुरक्षा लक्ष्यों को बढ़ावा देगी।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना:यह योजना 28 फरवरी, 2016 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई जिसमे किसानो के उत्पाद को बीमाकृत करने हेतु “एक देश एक योजना ” के अंतर्गत पहले से चल रही दो योजनाओं “राष्ट्रिय कृषि बीमा योजना ” तथा “संशोधित राष्ट्रिय कृषि बीमा योजना ” के स्थान पर प्रारम्भ की गई।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना : इस योजना के अंतर्गत 759 लाभार्थियों को आवास स्वीकृत किए गए है और 65 घरों को दिसंबर, 2019 तक पूरा कर लिया गया है।
  • महात्मा गाँधी राष्ट्रिय ग्रामीण रोजगार गारंटी : इस अधिनियम के अंतर्गत 4,47,773 परिवारों को रोजगार देकर 181.74 लाख मानव दिवस सृजित किए गए।

Economic Survey of Himachal Pradesh 2019-20

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