Important Questions for HP Sub. Allied Services Mains (GS Paper 1) – IV
HISTORY OF HIMACHAL PRADESH
प्रश्न संख्या 1 से 9 तक , 4 अंकों के है (शब्द सीमा 60 शब्द )
1.चंबा के राजा उमेद सिंह की कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में किन्हीं चार उपलब्धियों का वर्णन करें।
Describe any of four achievements in the field of art and culture of Raja Umedh Singh of Chamba.
उतर-: चंबा के अधिकतर राजा कला एवं संस्कृति प्रेमी थे उमेद सिंह भी उनमें से एक था। उनकी 4 उपलब्धियां निम्न थी-:
1.चंबा में रंग महल की स्थापना।
2.चंबा में कढ़ाई परंपरा की शुरुआत जिससे आगे चलकर चंबा रुमाल का जन्म हुआ।
3.उदय सिंह के बाद उमेध सिंह व इनके बेटे राज सिंह ने चित्रकाल को बढ़ावा दिया।
4.चंबा में अखंड चंडी पैलेस का निर्माण किया।
2.किन किन विदेशी यात्रियों के यात्रा विवरण में कांगड़ा(त्रिगर्त) का उल्लेख मिलता है?
Which foreign travelers have mentioned about Kangra (Trigrt) in their travelogues.
उतर-: हिमाचल के इतिहासिक स्त्रोतों में विदेशी यात्रियों के यात्रा वृतांत महत्वपूर्ण है l कांगड़ा का उल्लेख करने वाले विदेशी यात्री थे-:
1.चीनी यात्री ह्युनसांग व यूनानी भूगोलविद टॉलेमी।
2.यूरोपियन यात्रियों में थॉमस कोरियात, मूरक्राफ्ट वाइन, विलियम फिंच तथा कनिंघम शामिल है।
3.गजनबी का दरबारी इतिहासकार उत्तबी एवं फरिश्ता ने भी त्रिगर्त का जिक्र किया है।
3.सगौली की संधि क्या थी?
What was the Treaty of Sagauli.
उतर-: सगौली की संधि 1815 में गोरखो तथा अंग्रेजों के बीच हुई एक महत्वपूर्ण संधि थी। संधि की शर्तों के अनुसार गोरखो के अधिकार में शामिल हिमाचल के सभी पहाड़ी क्षेत्र अमर सिंह थापा द्वारा अंग्रेज अधिकारी मेजर ऑक्टरलोनी को सौंपे गए थे, बदले में गोरखो ने नेपाल जाना स्वीकार किया था।
4.सनद से आप क्या समझते हैं?
What do you understand by Sanad?
उतर-: सनद अंग्रेजी साम्राज्य के अधीन राज्यों को जारी किए जाने वाला एक आदेश पत्र था, जिससे राजाओं के अधिकार व कर्तव्य तय किए जाते थे। सनद के माध्यम से राज्यों की सीमाएं तय की जाती थी बदले में राजओं को कुछ आदेशों का पालन करना होता था, जैसे ब्रिटिश व्यापार के लिए सड़क बनाना, बेगारी उपलब्ध कराना इत्यादि।
5.रीत से आप क्या समझते हैं?
What do you understand by Reet?
उतर-: रीत राज्य में प्रचलित एक सामान्य प्रथा थी जिसके अंतर्गत कुछ पैसे देकर विवाहित जीवन में प्रवेश किया जा सकता था। इस प्रथा में विवाहिता से पुनः विवाह, विधवा से विवाह, तलाक के बाद विवाह, सर्वसम्मति से विवाह और अंतरजातीय विवाह का एक सामान्य प्रचलन था। इस प्रथा के अंतर्गत औरत के पति, पिता अथवा संरक्षक को एक निश्चित धनराशि देकर, जो सामान्यतः 500 से 2000 तक रहती थी, के बदले शादी की जा सकती थी।
6.ताबो बौद्ध स्तूप पर संक्षिप्त नोट लिखें।
Write a brief note on Tabo monastery.
उतर-:
1.ताबो स्पीति में स्थित महत्वपूर्ण बौद्ध स्तूप में से एक है।
2.इसकी स्थापना 996 में रिंचेंन जन्ग्पो ने की थी।
3.इसमें भित्ति चित्र की अधिकता होने के कारण इसे हिमाचल का अजंता भी कहा जाता है।
4.इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित किया गया है।
7.डलहौजी सैनिक छावनी पर संक्षिप्त नोट लिखें।
Write a brief note on Dalhousie Cantonment.
उतर-: 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजी प्रशासन द्वारा ब्रिटिश सेना के लिए उपयुक्त स्थानों का सर्वेक्षण किया जाने लगा। इसी के तहत डलहौजी को सैनिक छावनी के लिए एक उपयुक्त स्थान के रुप चिन्हित किया गया। इसका मुख्य कारण यहां का सुंदर व शीतल प्राकृतिक वातावरण था।1866 में इसे एक सैनिक छावनी के रूप में विकसित कर ब्रिटिश सेना को यहां स्थानांतरित किया गया। 1900 तक लगभग 80% ब्रिटिश सेना पहाड़ी क्षेत्रों में स्थापित की जा चुकी थी।
8.सुकेत सत्याग्रह क्या था?
What was Suket Satyagrah.
उतर-: 1948 में सुकेत के भारतीय संघ में विलय को लेकर हुए जन आंदोलन को सुकेत सत्याग्रह की संज्ञा दी गई। सुकेत के राजा लक्ष्मण सेन के बढ़ते कुशासन व कुप्रबंधन की वजह से लोग शुरू से ही लोकतांत्रिक शासन स्थापित करने की मांग कर रहे थे। पंडित पदम देव की अध्यक्षता में हुए सुकेत सत्याग्रह ने जन आकांक्षाओं को बल दिया। लोगों ने आंदोलन में शामिल होकर राजा को विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए विवश कर दिया।भारत की आजादी के कुछ समय बाद सुकेत भारतीय संघ में शामिल हो गया।
9.कैसे पंचवर्षीय योजनाएं हिमाचल के आर्थिक विकास में सहायक थी?
How five year planning was beneficial for economic development of Himachal Pradesh.
उतर-: राजाओं के लंबे शासन के बाद जब हिमाचल 1948 में अस्तित्व में आया तो यहां पर जन सुविधाओं सड़क, बिजली, पानी और कृषि के लिए आधारभूत सुविधाएं न के बराबर थी।राज्य सरकार द्वारा पंचवर्षीय योजनाओं को अपनाकर इन सुविधाओं के विकास को गति मिली।1951 से 74 तक प्रथम चार पंचवर्षीय योजनाओं में सड़कों के विकास पर बल दिया गया, तत्पश्चात विद्युत उत्पादन, कृषि के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास व सामाजिक सेवाओं आदि को पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से विशेष महत्व देकर राज्य विकास की राह पर आगे बढ़ा।
प्रश्न संख्या 10 और 11 , 8 अंकों के है (शब्द सीमा 120 शब्द )
10.17वी तथा 18वी सदी में पहाड़ी राज्यों के मुगलों के साथ संबंधों का वर्णन करें।
Explain the Hill States and their relation with the Mughals in 17th and 18th centuries.
उतर-: 17वी सदी के शुरुआत तक अकबर ही मुगल साम्राज्य की कमान संभाले हुए थे। अधिकतर पहाड़ी रियासतें इनकी करद थी। यही सिलसिला जहांगीर शाहजहां और 18 सदी में औरंगजेब के शासनकाल में भी आगे बढ़ता रहा।
मुगल शासकों के पहाड़ी राजाओं से संबंध-:
1.17वी सदी की शुरुआत में अकबर के संबंध कांगड़ा, चंबा, सिरमौर रियासतों से मैत्रीपूर्ण थे। इन्होंने टोडरमल के नेतृत्व में कांगड़ा और चंबा में भूमि बंदोबस्त लागू किया था।
2.नूरपुर रियासत के शासक जहांगीर के बहुत करीबी थे। नूरपुर के शासक सूरजमल को इन्होंने 500 का मंसब बनाया था।पहाड़ी शासकों को इन्हीं के द्वारा मियां की उपाधि से भी नवाजा गया था।
3.चंबा के राजा पृथ्वी सिंह शाहजहां के बड़े अच्छे मित्र थे। नूरपुर के शासक राजा जगत सिंह और उनके बेटे राजा रूप सिंह द्वारा उनके खिलाफ विद्रोह भी किया गया था।
4.औरंगजेब द्वारा बुशहर के राजा खेरी सिंह को छत्रपति की उपाधि से नवाजा गया था।
5.सिरमौर के शासक मुगलों को उपहार स्वरूप विशेष भेन्टे भेजते रहते थे।
11.कहल्लूर के राजा महान चंद द्वारा गोरखो को कांगड़ा पर आक्रमण करने के लिए दिए गए निमंत्रण के फल स्वरुप किस प्रकार शिमला और पंजाब की पहाड़ी रियासतों के इतिहास की पूरी धारा ही बदल गई?
How did the Invitation to Gurukhas by Raja Mahan Chand of Kehlur changed the whole course of history of Shimla and Punjab hill States.
उतर-: पंजाब की पहाड़ी रियासतों में कांगड़ा व इसकी उप रियासतें शामिल थी।जबकि शिमला की पहाड़ी रियासतों में बहुत सी छोटी-छोटी रियासतें जिनमें 12 और 18 ठाकुराइयां शामिल थी।
महान चंद के निमंत्रण से इन रियासतों के इतिहास की धारा बदलने के निम्न कारण थे-:
1.महान चंद के निमंत्रण के फल स्वरुप ही गोरखो ने संसार चंद पर आक्रमण किया जिसमें संसार चंद को हार का सामना करना पड़ा।
2.संसार चंद को हार के बाद मजबूरन रणजीत सिंह से संधि करनी पड़ी और संधि की शर्तों के अनुसार संसार चंद पंजाब की पहाड़ी रियासतों से अपना प्रभुत्व खो बैठा। जिससे कांगड़ा के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत हुई और पहाड़ों पर सिख नियंत्रण कायम हुआ।
3.दूसरी तरफ गोरखा रणजीत सिंह से हार के बाद शिमला की रियासतों की तरफ बढ़े और इन रियासतों को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की।
4.शिमला की रियासतों को नियंत्रण में लने के कारण ही गोरखो को अंग्रेजों का सामना करना पड़ा। जिसमें उनको हार मिली और शिमला की पहाड़ी रियासतों पर ब्रिटिश हुकूमत शुरू हुई।
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