Important Questions for HPS Allied Services Mains (GS Paper -1) -XI

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  1. हिमाचल प्रदेश के जनसांख्यिकी स्वरुप पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
    Write a short note on demographic profile of Himachal Pradesh. (4 Marks, 60 words)

उतर :- जनसांख्यिकी स्वरुप में जनसंख्या के अलग-अलग आयामों को शामिल किया जाता है-:
1.राज्य की कुल जनसंख्या हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध और ईसाई आदि धर्मों में विभाजित है।
2.राज्य की 10% जनसंख्या शहरों में तथा 90% जनसंख्या गांव में रहती है। 70% कृषि क्षेत्र में कार्यरत है। राज्य में 30% मुख्य कामगार है।
3.हिमाचल की कुल जनसंख्या में पुरुष 50.66% तथा महिलाएं 49.33% है।
4.राज्य में कुल साक्षरता दर 83.78% है जिसमें पुरुष साक्षरता दर 90.83% जबकि महिला साक्षरता दर 76.60%।

  1. राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का (प्रतिशत संदर्भ में) बर्ष 2017-18 के दौरान क्या योगदान रहा है?
    What has been the contribution of various sectors of economy to the State Gross Domestic Product (GSDP) in H.P. (in percentage terms) during 2017-18. (4 Marks, 60 words)

उतर :- राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में प्रत्येक क्षेत्र का योगदान 2017-18 में निम्न था:-
1.प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 13.73 प्रतिशत तथा इस क्षेत्र में-1.0 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई ।
2.द्वितीयक क्षेत्रक का योगदान 43.01 प्रतिशत था। इस क्षेत्र में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई ।
3.तृतीयक क्षेत्रक का योगदान 43.26 प्रतिशत रहा। इस क्षेत्र में 9.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई ।

  1. हिमाचल प्रदेश में किसानों का कैसे सीमांत, लघु, मध्यम और बड़े आदि के रूप में वर्गीकरण किया जाता है ?
    How are farmers classified into various categories like marginal, small medium and large etc. in H.P.? (4 Marks, 60 words) (HPAS MAINS 2017)

उतर :- हिमाचल प्रदेश में किसानों का सीमांत, लघु, मध्यम और बड़े आदि के रूप में वर्गीकरण उनके पास मौजूद कुल जमीन के आधार पर किया जाता है जिसके वे मालिक होते हैं। 1 हेक्टेयर से कम वाले सीमांत, 1 से 2 हेक्टेयर तक लघु, 2 हेक्टेयर से 4 हेक्टेयर के बीच अर्ध मध्यम, 4 हेक्टेयर से 10 हेक्टेयर तक मध्यम तथा 10 हेक्टेयर से अधिक बाले बड़े किसान के रुप में ब्र्गिकृत किए जाते हैं।

  1. कृषि विविधीकरण से आप क्या समझते हैं? इस क्षेत्र में राज्य सरकार की प्रमुख पहलों का उल्लेख करते हुए इसके महत्व को समझाएं?
    What do you think of agricultural diversification? Explain its importance while describing the key initiatives of the state government in this field? (8 Marks, 120 words)

उतर:-कृषि विविधीकरण एक बहु आयामी अवधारणा है इसमें शामिल है:-
1.कृषि क्षेत्र में नई वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल।
2.कृषि के साथ-साथ अन्य कार्यों जैसे पशुपालन, मछली पालना, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन व अन्य आय के साधनों के विकास पर बल देना।
3.नई सुविधाओं व तकनीकों से कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ाना।
इस क्षेत्र में राज्य सरकार की प्रमुख पहले:-
1.राज्य सरकार द्वारा सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कृषि सौर सिंचाई योजना चलाई गई है।
2.जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल पर बल देने के लिए राज्य में शून्य बजट के तहत प्राकृतिक खेती योजना चलाई गई है।
3.देसी गायों की नस्लों के विकास के लिए राज्य में गौ-संवर्धन योजना चलाई गई है।
महत्व:-
1.सतत पोषणीय विकास में सहायक उत्पादकता बढ़ाने के लिए जरूरी।
2.जलवायु परिवर्तन और मौसम की अनिश्चितता की संभावनाओं से बचने में सहायक।

  1. हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक विकास में क्या-क्या बाधाएं हैं और उन से पार पाने के लिए आपके क्या सुझाव है?
    What are the hurdles in industrial development in Himachal Pradesh and what are your suggestions for solving them? (8 Marks, 120 words)

उतर:- हिमाचल प्रदेश में उद्योगों का अधिक विकास नहीं हो सका है। वर्तमान में हिमाचल में केवल 140 बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं।
इसके प्रमुख कारणों में शामिल है:-
1.मुश्किल भौगोलिक स्थिति- एक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यहां पर सड़क विकास, बड़ी मशीनों को लाना, कच्चे माल की ढुलाई, उद्योगों को स्थापित करने का खर्च बाकी मैदानी राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है। यही कारण है कि बड़े उद्योग हिमाचल के मैदानी इलाकों तक ही सीमित है।
2.पर्यावरणीय संवेदनशीलता:- उद्योगों की स्थापना बिना प्रकृति के साथ छेड़छाड़ किए नहीं हो सकती। एक तरफ पहाड़ियों को काटने से जहां भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है, वहीं दूसरी तरफ नदियों के बहाव के साथ छेड़छाड़ करने से बाढ़ का खतरा बना रहता है। उद्योगों की स्थापना से हिमालय में प्राकृतिक पारितंत्र को भी खतरा बना रहता है।
3.कच्चे माल की उपलब्धता की कमी:- उद्योगों की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल की उपलब्धता भी राज्य में बहुत कम है।
4.राज्य की आय के सीमित साधन के कारण राज्य औद्योगिक विकास पर अधिक खर्च नहीं कर सकता और निवेशक पर्यावरणीय मानको और जटिल नियमों के कारण हिमाचल में निवेश नहीं करना चाहते।
इन समस्याओं के समाधान के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं:-
1.बड़े उद्योगों की स्थापना की वजया छोटे व मध्यम उद्योगों को स्थापित किए जाने पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।
2.स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्योगों के विकास के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
3.औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान कर उन्ह स्थानों के अनुरूप ही उद्योग स्थापित किए जाने चाहिए।

  1. हिमाचल प्रदेश में एक तरफ पनबिजली उत्पादन से पर्यावरण की रक्षा करने की आवश्यकता और दूसरी ओर राजस्व सृजन और रोजगार सृजित करने के बीच संतुलन कायम करने की जरूरत है। टिप्पणी करें।
    Comment on the preposition that hydel power generation in HP needs to strike a balance between the need to protect the environment, on the one hand, and need to generate revenue and create employment, other on the other. (8 Marks, 120 words) (HPAS MAINS 2018)

उतर:- पनबिजली उत्पादन राज्य की आय का एक प्रमुख स्रोत है। इसका अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है की देश में उत्पादित कुल पनबिजली ऊर्जा का 25% अकेले हिमाचल ही उत्पादित कर रहा है l विद्युत उत्पादन से एक तरफ जहां राज्य मे राजस्व सृजन बड़ रहा है व राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ नदियों पर बांध बनाए जाने से पर्यावरणीय चिंताएं बढ़ रही है। नदियों पर बनने वाले बांधों के कारण नदियों में पानी का स्तर घटता चला जा रहा है जिससे नदी के किनारों पर उगी वनस्पति का क्षरण हो रहा है, जलीय जीव मर रहे हैं और मृदा निम्नीकरण की भी घटनाएं देखने को मिल रही है। साथ में वाहनों की आवाजाही बढ़ने से राज्यों के संवेदनशील जगहों में भी पर्यावरणीय प्रदूषण का प्रभाव बढ़ रहा है ।लेकिन दूसरी तरफ इससे राज्य को एक बड़ी राजस्व प्राप्ति होती है साथ में बेरोजगार युवाओं को रोजगार
भी मिल रहा है।ऐसे में यह जरुरी हो जाता है कि जल विद्युत को इस तरह से विकसित किया जाए ताकि राज्य में पर्यावरण पर भी कोई ज्यादा नुकसान न हो और रोजगार की संभावनाओं पर भी असर न पड़े।

  1. विशेष श्रेणि राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए प्रमुख शर्तें क्या है? हिमाचल प्रदेश को विशेष श्रेणि राज्य का दर्जा मिलने से क्या फायदे और नुकसान हैं?
    What are the main conditions for attaining special category state status? What are the advantages and disadvantages of getting special state status to Himachal Pradesh? (8 Marks, 120 words)

उतर:- राज्यों को केंद्रीय सहायता में विशेष रियायत देने के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद द्वारा विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा प्राप्त प्रदान किया जाता है।
विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा प्राप्त करने की प्रमुख शर्तें हैं:-
1.वित्तीय रूप से कमजोर आय के बहुत कम स्रोत होना।
2.निम्न जनसंख्या घनत्व और जनजातीय आबादी होना।
3.मुश्किल भौगोलिक स्थिति व अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा होना।
4.आधारभूत ढांचे की कमी और औद्योगिक विकास में पिछड़ा होना।
हिमाचल प्रदेश को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा मिलने से फायदे:-
1.केंद्रीय करों में अधिक हिस्सेदारी मिलती है।
2.राज्य को 90% वित्तीय मदद अनुदान के रूप में व 10% राशि कर्ज़ के रूप में भी मिलती है।
3.योजनागत व्यय का 30% हिस्सा विशेष श्रेणी राज्यों को दिया जाता है।
4.प्रदेश को विशेष औद्योगिक पैकेज मिलता है।
हिमाचल प्रदेश को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा मिलने से फायदे:-
1.राज्य की केंद्रीय सहायता पर निर्भरता बढ़ने से राज्य खुद की आय के नए स्रोत सृजन पर कम ध्यान दे रहा है।
2.राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है।
3.अन्य राज्यों में अव्यवस्था और विशेष राज्यों की मांग जोर पकड़ रही है।
4.औद्योगिक पैकेज की समाप्ति पर निवेशकों का राज्य से पलायन हो रहा है।

  1. राज्य में बेहतर जन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने क्या प्रयास किए हैं?
    What steps have been taken by the government to provide better public health facilities in the state. (8 Marks, 120 words)

उतर:- स्वास्थ्य मानकों में राज्य की स्थिति अन्य बहुत से राज्यों से बेहतर है।राज्य में सरकार द्वारा जन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए निम्नलिखित प्रयास किए गए हैं:-
1.बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच के लिए राज्य में पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर बहुत से अस्पताल खोले गए हैं।
2.राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्सा को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है।
3.राज्य में चिकित्सकीय जड़ी बूटियों के अनुसंधान एवं संरक्षण के लिए हर्बल गार्डन बनाए गए हैं।
4.स्वास्थ्य चिकित्सा प्रशिक्षण को भी राज्य में बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत बिलासपुर के कोठीपुरा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)की स्थापना की गई है व अन्य प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।
5.राज्य में कुपोषण की समस्या को कम करने के केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम पोषण अभियान लागू किया गया है।
6.लोगों को बेहतर स्वास्थ्य बीमा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हिम केयर योजना के अंतर्गत 5 लाख की बीमा राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।
7.जनजातिय क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
8.इसके अलावा राज्य में बहुत से रोग रोकथाम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल के लिए आशा कर्मियों की नियुक्ति की गई है।

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