Kunihar Praja Mandal | कुनिहार प्रजा मण्डल
- शिमला स्टेट प्रजामंडल का गठन करने के पश्चात् ये लोग शिमला से कार्यक्रम निश्चित कर 8 जुलाई 1939 ई. को कुनिहार रियासत गये।
वहाँ पर उन्होंने कांशीराम के साथ कई लोगों को प्रजामण्डल का सदस्य बनाया और दूसरे दिन 9 जुलाई 1939 ई. को कुनिहार रियासत के दरबार भवन में कुनिहार के राणा हर देव सिंह के सभापतित्त्व में “कुनिहार प्रजामण्डल” की विधिवत्स्थापना की गई।
इस सभा में भागमल सौहटा और देव सुमन भी उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त रियासत धामी, बाघल, पटियाला, महलोग के प्रतिनिधि भी इस सभा में भाग लेने आये हुये थे।
पहाड़ी रियासतों में पीपुल में कुनिहार के राणा प्रथम शासक थे जिन्होंने अपनी प्रजा की लोकतन्त्रीव मांग शान्तिपूर्णक ढंग से रियासतों अपने दरबार हाल में ही मान ली और आन्दोलन की सफलता के लिये आशीर्वाद भी दिया।
बाबू मिलकर कांशीराम को प्रजा मण्डल कुनिहार का संरक्षक नियुक्त किया गया। इस सफलता से प्रजामण्डल वालों ने पहाड़ी के हौसले बढ़ने लगे।
उधर अंग्रेजों ने इसे खतरे की घंटी समझकर इस आंदोलन को सख्ती से दबाने के आदेश दिये। परन्तु प्रजा मण्डल की सफलता को देखकर लोग इसकी ओर आकर्षित होने लगे और दिन प्रतिदिन प्रजामंडली सदस्य संख्या बढ़ने लगी।
Kunihar Praja Mandal | कुनिहार प्रजा मण्डल
Read Also : History of Himachal Pradesh
- Economic Survey 2022-23 in Hindi Pdf
- Economic Survey 2022-23 in English Pdf
- Daily Current Affairs in Hindi -31 January 2023
- HPPSC Shimla Assistant Professor (CC) Education Screening Test Result 2023
- HPPSC Shimla Assistant Professor (College Cadre) Commerce Question Paper Pdf 2016