पीपल जातर (Peepal Jaatar) ढालपुर-जिला कुल्लू
यह मेला अप्रैल मास के अन्तिम दिनों में ढालपुर के मैदान में मनाया जाता है। यहाँ पर एक पीपल और चबूतरा होता था। चबूतरे पर कुल्लू राजा अपने दरबारियों के साथ मेला देखता था और पीपल के सामने नाटी होती थी। उस पीपल के नाम से मेला”पीपल जातर” कहलाया।
इस मेले को ‘राये री जाच’ भी कहा जाता है क्योंकि राये रूपी इस मेले में विशेष रथ में दरबारी वैभव के साथ बैठते थे। लोगों को उन्हें दर्शन करने और मिलने का अवसर मिलता था। किसी समय इस मेले में 16 देवता भाग लेते थे परन्तु अब केवल बिजली महादेव ही आता है।
इस मेले के समय ऋतु खुल जाती है। फसलों का कार्य भी नहीं होता है। इसलिये मेले के लिये उपयुक्त समय होता है। इस मेले का व्यापारिक महत्व भी है। लाहुल के लोग सर्दियां कुल्लू गुजार कर लौटने लगते हैं। वे अपनी आवश्यकता की वस्तुयें इस मेला में खरीदते हैं।
कुछ समय से इस मेले को बसन्तोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है जिसमें कई सांस्कृतिक गतिविधियां भी होती हैं।
पीपल जातर (Peepal Jaatar) ढालपुर-जिला कुल्लू
इसे भी पढ़ें : हिमाचल प्रदेश सामान्य ज्ञान
- Indian Bank Specialist Recruitment 2024 –Apply Online
- HPU Shimla All Notification -02 July 2024
- IBPS CRP Clerk XIV Recruitment 2024 – Apply Online
- HPU Shimla All Notification -01 July 2024
- Punjab National Bank Apprentices Recruitment 2024 -Apply Online