Shrimati Kinkari Devi : Stree Shakti
श्रीमती किंकरी देवी
जन्म : 1925
जन्म स्थान : घातों (सिरमौर जिला)
किंकरी देवी एक गरीब परिवार से संबंध रखती थी। 22 वर्ष की आयु में वह विधवा हो गई थी।
कार्य :
- वह लोगों के ध्यान का केंद्र तब बनी जब उसने क्षेत्र में लापरवाही से खनिज निकालने के विरुद्ध बीड़ा उठाया।
- उसने सिरमौर जिला के संगड़ाह क्षेत्र में अवैध रूप से पत्थर आदि निकालने पर पाबंदी लगाने के लिए हिमाचल उच्च न्यायालय में एक सार्वजनिक हित याचिका दायर की। शुरू में लोगों ने स्थानीय स्तर पर आंदोलन शुरू कर दिया। जब सरकार ने कोई सुनाई नहीं की तो उन्होंने उच्च न्यायालय में जाने का निर्णय किया।
- एक स्वयं सेवी समूह ‘जरुरत में लोगों का कार्य लोगों के लिए ‘ एक जनहित याचिका दायर कर दी। वह शिमला में याचिका दायर करने के लिए 19 दिन ठहरीं। दो दिन के बाद जब पैसे ख़त्म हो गए तो उसने नौकरानी का काम किया।
- उसने उच्च न्यायालय के सामने इस विचारणीय विषय को प्रकाश में लाने के लिए व्रत शुरू कर दिया।
- उसने माफिया की धमकियों का सामना किया। 1991 ई. में न्यायालय ने सरकार को सारी सक्रिय खानों को बंद करने के निर्देश दिए।
- खान निकालने वाले समूह ने निर्णय के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर दी। किंकरी देवी ने उच्चतम न्यायालय में भी मुक़द्द्मा जीत लिया।
सम्मान एवं पुरस्कार :
- “झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई स्री शक्ति पुरस्कार 1999 ” : मानव विकास मंत्रालय ने उनकी बहुमूल्य सेवा के लिए दिया गया। यह पुरस्कार तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा सन 2001 में दिया गया।
- उनकी सेवा के लिए बहुत सारे संगठनों ने उसे सम्मानित किया।
- उसे बीजिंग में अंतराष्ट्रीय सम्मलेन में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया गया।
- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन द्वारा उद्घाटन समारोह का दीप प्रज्ज्वलित करने के लिए आमंत्रित किया गया।
किंकरी देवी लोगों में मृदा सरंक्षण ,वनों की रक्षा और जल सरंक्षण हेतु जागरूकता पैदा करने के लिए दृढ़ संकल्प रही। 30 दिसम्बर 2007 को उनका देहांत हो गया।
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